नई दिल्ली. एयर क्वालिटी (AIR QUALITY) के मामले में दिल्ली-NCR का हाल बहुत खराब है। यहां हवा की गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। 29 नवंबर को AQI का ओवरऑल स्तर 400 के ऊपर दर्ज किया गया। पॉल्युशन ने इस बार रिकॉर्ड तोड़ा है। प्रदूषण (Pollution) के मामले पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme court) में 29 नवंबर को सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण को लेकर चिंता व्यक्त की। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जहां प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है, वहीं COVID19 की एक और समस्या है। इससे पहले 24 नवंबर को हुई सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से कहा था कि मौसम जब गंभीर होता है, तब उपाए किए जाते हैं। वह वायु प्रदूषण मामले को बंद नहीं करेगा और अंतिम आदेश नहीं देगा। 

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान...
सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह केंद्र से पूछेगा कि क्या सेंट्रल विस्टा परियोजना में निर्माण कार्य जारी रखने से धूल प्रदूषण बढ़ रहा है और सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से यह बताने के लिए कहा कि दिल्ली में परियोजना के कारण वायु प्रदूषण को रोकने के लिए क्या कदम उठाए गए।

हम दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं, चाहे वह सेंट्रल विस्टा हो या कुछ और। ऐसा मत सोचो कि हम कुछ नहीं जानते। ध्यान भटकाने के लिए कुछ मुद्दों को फ़्लैग न करें। सॉलिसिटर जनरल को इस पर जवाब देना होगा।
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सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) को चरण IV मेट्रो विस्तार परियोजना के निर्माण के लिए पेड़ों को काटने के लिए मुख्य वन संरक्षक की अनुमति लेने का निर्देश दिया।

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को दिल्ली में पेड़ और पौधे लगाने के लिए एक व्यापक योजना तैयार करने और उसके समक्ष पेश करने का निर्देश दिया। योजना को 12 सप्ताह के भीतर न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत करना होगा।

दिल्ली सरकार ने बुलाई थी हाईलेवल मीटिंग
दिल्ली में सांस लेना मुश्किल होता जा रहा है। दिल्ली सरकार की तमाम कोशिशों के बावजूद हवा की गुणवत्ता में सुधार नहीं हुआ है। इस बार दिल्ली में रिकॉर्ड तोड़ प्रदूषण हुआ है। दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री गोपाल राय (Gopal Rai) ने इसकी समीक्षा के लिए आज एक हाईलेवल मीटिंग बुलाई थी। बता दें कि इस साल नवंबर में दिल्ली में सबसे अधिक प्रदूषण दर्ज किया गया। ऐसा पहली बार है कि लगातार 11 दिनों से दिल्ली की हवा खराब है। 2020 में 9 दिन, जबकि 2019 में सिर्फ 7 दिन प्रदूषण रहा था। यानी हर साल दिल्ली में प्रदूषण के दिन बढ़ते जा रहे हैं। मीटिंग के बाद पर्यावरण मंत्री ने कहा कि उच्च वायु प्रदूषण के स्तर को देखते हुए दिल्ली में निर्माण आदि गतिविधियों पर अगले आदेश तक प्रतिबंध जारी रहेगा। आवश्यक सेवाओं में लगे लोगों को छोड़कर ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध 7 दिसंबर तक जारी रहेगा, जबकि सीएनजी और इलेक्ट्रिक ट्रकों को दिल्ली में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। राय ने कहा कि वाहनों से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए सरकार के 'रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ' अभियान को 18 दिसंबर तक बढ़ाया जा रहा है। राय ने बताया कि सभी निर्माण श्रमिकों को पांच-पांच हजार रुपये दिए जाएंगे। इससे पहले मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध से प्रभावित श्रमिकों को प्रत्येक को 5,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी और उनकी सरकार न्यूनतम मजदूरी के नुकसान की भरपाई भी करेगी।

ऐसी है दिल्ली की हवा
वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान और अनुसंधान प्रणाली (SAFAR) के अनुसार 29 नवंबर की सुबह आनंद विहार में AQI 554 रहा। जबकि बवाना में 421, जहांगीरपुरी में 422 और दिल्‍ली के बाकी इलाकों में यह 350 के ऊपर दर्ज किया गया है। SAFAR के अनुसार, 29 और 30 नवंबर को जमीनी सतह पर हवाओं की गति बढ़ेगी, इसस प्रदूषण में कमी आएगी।

प्रदूषण के बीच स्कूल खुले
दिल्ली में वायु प्रदूषण (Delhi Air Pollution) के चलते बंद स्कूल-कॉलेज व अन्य शैक्षणिक संस्थान आज से ओपन हो गए। इसके साथ ही सोमवार से दिल्ली सरकार (Delhi Government) के ऑफिस में काम करने वालों के लिए वर्क फ्रॉम होम की सुविधा खत्म हो गई है। दिल्ली में 3 दिसंबर तक पेट्रोल-डीजल वाले कमर्शियल वाहनों की एंट्री पर बैन है। सिर्फ सीएनजी और इलेक्ट्रिक कमर्शियल वाहनों को चलाने की अनुमति है। 

50 तक AQI माना जाता है अच्छा 
एयर क्वालिटी इंडेक्स 0 से 50 के बीच अच्छा माना जाता है। 51 से 100 के बीच यह संतोषजनक, जबकि 101 से 200 के बीच मध्यम माना जाता है। 201 से 300 के बीच यह खराब श्रेणी में आता है और 301 से 400 के बीच बेहद खराब। 401 से 500 के बीच एयर क्वालिटी इंडेक्स गंभीर श्रेणी में आता है।

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