Airplane Bird Strike: अहमदाबाद विमान हादसे के बाद पक्षियों से विमानों को होने वाले खतरे पर फिर से चर्चा शुरू हो गई है। जानिए कैसे पक्षियों का टकराना और इंजन में फंसना विमानों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है।

Ahmedabad Plane Crash: अहमदाबाद में गुरुवार दोपहर को एयर इंडिया का एक विमान क्रैश हो गया, जिसके चलते लंदन जा रहे 242 लोगों की मौत हो गई। एक्सपर्ट आशंका जता रहे हैं कि हादसा पक्षियों के विमान से टकराने के चलते हुआ है। आइए जानते हैं आसमान में उड़ने वाले विमान के लिए पक्ष क्यों सबसे बड़ा खतरा होते हैं?

दिसंबर 2024 में जेजू एयर दुर्घटना में 181 यात्रियों में से 179 की मौत हो गई थी। विमान के लैंडिंग गियर के काम नहीं करने की वजह पक्षी के टकराना बताया गया था। अब अहमदाबाद में पक्षी के टकराने से एक और बड़ा हादसा होने का संदेह है। इससे पक्षियों से संबंधित विमानन जोखिमों पर फिर से लोगों का ध्यान गया है। पक्षी के टकराने की घटनाएं एक जैसी नहीं होती। ये मुख्य रूप से दो तरह की घटना है। एक है पक्षी का विमान से टकराना और दूसरा है विमान द्वारा पक्षी को निगल लेना। आइए जानते हैं इससे विमान किस तरह प्रभावित होते हैं।

क्या है विमान से पक्षी टकराना?

पक्षी टकराना (Bird hit) का मतलब है कि पक्षी विमान के बाहरी हिस्से से टकराए। यह विमान की नाक, विंडशील्ड, धड़ या पंखों से टकरा सकता है। पक्षियों का टकराना कम ऊंचाई पर अधिक आम है। आमतौर पर टेकऑफ या लैंडिंग के दौरान (3000 फीट से नीचे) ऐसी घटनाएं होती हैं।

पक्षियों का टकराना आमतौर पर ज्यादा खतरनाक नहीं होता। अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन के अनुसार पक्षियों के टकराने से 92% मामलों में कोई खास नुकसान नहीं होता। हालांकि कई बार विमान की संरचना को इससे नुकसान होता है। इसके चलते इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ती है। हाल ही में इंडिगो का एक विमान 4,000 फीट की ऊंचाई पर एक गिद्ध से टकरा गया था। इसके चलते उसे रांची में इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी थी।

बर्ड स्ट्राइक कमेटी यूएसए के अनुसार करीब 240 किमी/घंटा की गति से उड़ रहे विमान से टकराने पर मात्र 5 किलोग्राम वजन का पक्षी 10 फीट की ऊंचाई से गिराए जाने पर 453kg वजन के बराबर बल लगाता है। यहां तक ​​कि 2kg के पक्षी के टकराने से भी विमान के निरीक्षण की जरूरत होती है।

क्या है विमान द्वारा पक्षी निगलना?

विमान द्वारा पक्षी का निगलना अधिक खतरनाक होता है। यह अक्सर पायलटों के सबसे बुरे सपनों में से एक होता है। यह घटना तब होती है जब एक या एक से अधिक पक्षी विमान के इंजन में हवा के साथ खिंचे चले जाते हैं। ऐसा जेट इंजन वाले विमानों के साथ ज्यादा होता है। पक्षी के टुकड़े विमान के इंजन में फंस जाते हैं।

आधुनिक जेट इंजन छोटे-मोटे पक्षी के अंदर आने की स्थिति संभालने के लिए बनाए गए हैं, लेकिन बड़े पक्षी या पक्षी के झुंड के इंजन में घुसने से स्थिति गंभीर हो जाती है। यदि दोनों इंजन प्रभावित हो जाए तो विमान अपनी सारी ऊर्जा खो देता है। इसके बाद इमरजेंसी लैंडिंग या यहां तक ​​कि ग्लाइडिंग डिसेंट की जरूरत होती है।