Air India Dreamliner Crash: अहमदाबाद में क्रैश हुए एयर इंडिया AI-171 के ब्लैक बॉक्स में डैमेज पाया गया है। जांच के लिए अमेरिका भेजे जाने की संभावना है। जानें पूरा घटनाक्रम और कैसे सिर्फ एक पैसेंजर बचा।
Air India Crash 2025: बीते 12 जून को भारतीय एविएशन इतिहास के सबसे भयानक हादसा का सच शायद ही सामने आ सके। क्रैश के 28 घंटे बाद बड़ी मशक्कत से बरामद हुए ब्लैक बॉक्स के डैमेज होने की सूचना है। ब्लैक बॉक्स के डैमेज होने से हादसा की वजहों का पता लगने की संभावना कम होती दिख रही है। अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के चंद सेकंड बाद Air India Flight AI-171 क्रैश हो गया था। इस विमान में 242 पैसेंजर और क्रू मेंबर्स थे जिसमें केवल एक पैंसेजर ही जिंदा बचा है। मरने वालों में गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी भी हैं। फ्लाइट अहमदाबाद से लंदन जा रही थी।
अमेरिका भेजा जा सकता ब्लैक बॉक्स
एविएशन सूत्रों की मानें तो ब्लैक बॉक्स को काफी नुकसान (Black Box Damage) हुआ है और डेटा रिकवर होने की संभावना काफी कम है। भारत में तो डेटा रिकवरी संभव ही नहीं। हालांकि, डैमेज ब्लैक बॉक्स की डेटा रिकवरी, अमेरिका स्थित National Transportation Safety Board (NTSB) द्वारा किया जा सककता है। इसके लिए ब्लैक बॉक्स भेजना होगा लेकिन सारा निर्णय भारत सरकार को करना है।
क्या होता है ब्लैक बॉक्स?
ब्लैक बॉक्स दरअसल दो उपकरणों का सेट होता है। एक Cockpit Voice Recorder (CVR) और दूसरा Flight Data Recorder (FDR)। भारत में हाल ही में स्थापित 9 करोड़ रुपये की लागत वाला ‘ब्लैक बॉक्स लैब’ भी डेटा रिकवरी में पूरी तरह सक्षम नहीं हो पाया है।
कैप्टन का 'Mayday' कॉल और आखिरी 36 सेकंड
मंत्रालय के अनुसार, फ्लाइट ने दोपहर 1:39 बजे टेक-ऑफ किया और केवल 600 फीट की ऊंचाई पर पहुंची थी जब चढ़ान रुक गई। 36 सेकंड के भीतर कैप्टन सुमीत सभरवाल (Captain Sumeet Sabharwal) ने ‘Mayday’ कॉल दी। इसके बाद रेडियो साइलेंस हो गया और प्लेन मेघानी नगर के BJ मेडिकल कॉलेज हॉस्टल में क्रैश हो गया। इस क्रैश में विमान जिस बिल्डिंग में टकराया। उस बिल्डिंग के भी बड़ी संख्या में लोग मारे गए।
Cockpit Voice Recorder और FDR से क्या मिलेगा सुराग?
CVR: Boeing 787-8 Dreamliner, जो 2014 में डिलीवर हुआ था, उसमें केवल 2 घंटे की रिकॉर्डिंग क्षमता थी (नई फ्लाइट्स में यह 25 घंटे है)। यह रिकॉर्डिंग बताएगी कि कैप्टन और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर (Clive Kunder) के बीच उस वक्त क्या बातचीत हुई, किस अलार्म पर कैसे प्रतिक्रिया दी गई।
FDR: यह उड़ान की गति, ऊंचाई, एंगल, कंप्यूटर अलर्ट, कंट्रोल मूवमेंट जैसे हजारों पैमानों को रिकॉर्ड करता है। इससे यह तय होगा कि प्लेन aerodynamic stall का शिकार हुआ या किसी टेक्निकल फेल्योर से नीचे गिरा।
28 घंटे बाद मलबे से मिला ब्लैक बॉक्स
हादसे के 28 घंटे बाद मलबे से ब्लैक बॉक्स बरामद हुआ। दिलचस्प बात यह है कि ‘ब्लैक बॉक्स’ असल में नारंगी रंग का होता है ताकि मलबे में इसे आसानी से पहचाना जा सके।
नई दिल्ली में खुला था ‘ब्लैक बॉक्स लैब’
9 अप्रैल को नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने नई दिल्ली के उड़ान भवन में देश की पहली Digital Flight Data Recorder and Cockpit Voice Recorder Lab का उद्घाटन किया था। लेकिन इस हादसा के बाद बरामद हुआ ब्लैक बॉक्स डेटा रिकवर यहां नहीं हो सकता। मगर इस हादसे के मामले में ब्लैक बॉक्स की गंभीर क्षति को देखते हुए अमेरिका की मदद लेनी पड़ सकती है। अगर ब्लैक बॉक्स अमेरिका भेजा गया तो एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल भी साथ जाएगा ताकि डेटा ट्रांसफर व सुरक्षा प्रोटोकॉल की निगरानी सुनिश्चित की जा सके।