असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने कहा है कि राज्य में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए गए हैं। 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाएगा।

गुवाहाटी। असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) ने गुरुवार को कहा कि असम सरकार बाल विवाह को समाप्त करने के अपने संकल्प के प्रति दृढ़ है। असम में हाल ही में बाल विवाह के 4,004 मामले दर्ज किए गए हैं। शुक्रवार से बाल विवाह में शामिल हजारों लोगों को गिरफ्तार किया जाएगा। अगले छह-सात दिनों में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वाले हजारों पुरुषों को गिरफ्तार किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने नागांव जिले के अपने दौरे के दौरान घोषणा किया कि 14 साल से कम उम्र की लड़कियों से शादी करने वालों को पॉक्सो एक्ट के तहत गिरफ्तार किया जाएगा। असम के नागांव जिले में बाल विवाह के सबसे अधिक मामले सामने आते हैं। यहां 42 फीसदी लड़कियों की शादी 18 साल की होने से पहले कर दी जाती है। यहां की 15 फीसदी लड़कियां 18 साल की होने से पहले ही मां बन जाती हैं।

बाल विवाह के चलते अधिक है शिशु मृत्यु दर
हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि बाल विवाह के चलते लड़कियां बचपन में ही गर्भवती हो रही हैं। इसके चलते असम में माताओं और शिशुओं की मृत्यु दर अधिक है। असम सरकार ने जनवरी 2023 में बाल विवाह पर कार्रवाई शुरू की थी। इसके बाद असम पुलिस ने बारपेटा जिले में एक नाबालिग लड़की की शादी के मामले में दूल्हे और एक इमाम सहित चार लोगों को गिरफ्तार किया था। 29 साल का दूल्हा 16 साल की लड़की से शादी करने जा रहा था।

18 साल है महिलाओं की शादी की न्यूनतम उम्र
हिमंत बिस्वा सरमा ने ट्वीट कर बताया कि असम में अब तक बाल विवाह के खिलाफ कुल 4,004 मामले दर्ज किए गए हैं। उन्होंने असम में बाल विवाह के खिलाफ दर्ज मामलों की संख्या भी बताई है। इसके अनुसार धुबरी जिले में 370, होजई जिले में 255 और उदलगुरी जिले में 235 बाल विवाह के मामले दर्ज किए गए हैं। 

 

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बता दें कि भारत में विवाह की कानूनी उम्र महिलाओं के लिए 18 वर्ष और पुरुषों के लिए 21 वर्ष है। इसके बाद भी देश के कुछ हिस्सों में बड़े पैमाने पर बाल विवाह होता है।

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