सार
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम-ध्रुव के तहत चयनित 60 बच्चों एवं उनके मार्गदर्शकों से मुलाकात की । इन बच्चों को आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है
नई दिल्ली. मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने मंगलवार को प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम-ध्रुव के तहत चयनित 60 बच्चों एवं उनके मार्गदर्शकों से मुलाकात की । इन बच्चों को आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन में प्रशिक्षण दिया जा रहा है और इन्होंने सुभाष घई, वसीफुद्दीन डागर, हंसराज हंस जैसी फिल्म और शास्त्रीय संगीत से जुड़ी हस्तियों के साथ ही प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों से संवाद किया ।
प्रधानमंत्री नवाचार शिक्षण कार्यक्रम 10 अक्टूबर को इसरो के बेंगलुरु स्थित परिसर में शुरू हुआ था जहां इसरो प्रमुख के सिवन और अंतरिक्ष में जाने वाले पहले भारतीय राकेश शर्मा मौजूद थे।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय के एक अधिकारी ने ‘भाषा’ को बताया कि ध्रुव योजना के तहत 14 दिनों के प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान चयनित छात्रों ने फिल्म निर्माता सुभाष घई, पद्मश्री उस्ताद फैयाज वसीफुद्दीन डागर, पद्मश्री शिवमणि, सूफी गायक हंसराज हंस, स्पेस किड्स इंडिया की डा. श्रीमती किसनजी, आईआईटी गांधीनगर के एसोसिएट ट्रेनिंग फोफेसर मनीष जैन, पार्श्व गायक मोहित चौहान आदि के साथ संवाद किया ।
निशंक ने मंगलवार को इन बच्चों से नाश्ते पर भेंट की । उन्होंने बच्चों से ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत" के विचार को आगे ले जाने का आह्वान किया और कहा कि नव भारत निर्माण में हमारे ध्रुवतारों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी ।
उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे इस बात की प्रसन्नता है कि सभी बच्चों ने अपने बेंगलुरु और दिल्ली प्रवास के दौरान नई-नई जानकारियां प्राप्त की हैं । एक दूसरे के माध्यम से इन बच्चों ने देश को नए ढंग से जानने का प्रयास किया।’’ मंत्री ने कहा कि समग्र विकास के लिए ज्ञान, विज्ञान, अनुसंधान और कला के क्षेत्रों में प्रगति के साथ मानवीय मूल्यों का विकास भी करना आवश्यक है और उन्हें आशा है नव भारत के निर्माण में ये ध्रुव तारे महत्वपूर्ण योगदान देंगे ।
ध्रुव कार्यक्रम के तहत सरकारी और निजी स्कूलों के नौ से बारहवीं कक्षा के 60 अत्याधिक प्रतिभावान छात्रों का चयन किया गया है। 10 अक्टूबर से शुरू इस कार्यक्रम में 30 छात्रों को ललित कला और बाकी 30 को विज्ञान के क्षेत्र में विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है। 14 दिनों के इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में इन बच्चों को उनके चुने हुए क्षेत्र में प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस दौरान इन छात्रों को आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण प्रदूषण जैसे विषयों पर प्रोजेक्ट तैयार करने के लिए कहा गया। 14 से 23 अक्टूबर तक ये छात्र आईआईटी दिल्ली और राष्ट्रीय बाल भवन में विभिन्न गतिविधियों में शामिल हो रहे हैं।
(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)