सार

 सैनिक चंदू चव्हाण साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 29 सिंतबर को गलती से पाकिस्तान में चला गया था। करीब वहां वो चार महीने तक पाक सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत में रहा।

मुंबई. देश के आर्मी जवान चंदू चव्हाण ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की गुहार लगाई है। इसके अलावा उसने प्रधानमंत्री, गृहमंत्री और रक्षा मंत्री को एक लेटर लिखा है। जिसमे उसने लिखा है कि सेना के सीनियर अफसर उसको अपमानित करते हैं। सैनिक ने लिखा-जब से वह  पाकिस्तान से लौटा है, उसी दिन से उसको शक की नजर से देखा जाता है।

4 महीने पाकिस्तान में रहने के बाद लौटा था भारत
दरअसल, सैनिक चंदू चव्हाण साल 2016 में हुई सर्जिकल स्ट्राइक के बाद 29 सिंतबर को गलती से पाकिस्तान में चला गया था। करीब वहां वो चार महीने तक पाक सुरक्षा एजेंसियों की हिरासत में रहा। इसके बाद पाकिस्तान ने पूछताछ करने के बाद उसको इडियन आर्मी को सौंप दिया था। 

इस वजह से मांगी इच्छा मृत्यु 
सैनिक चंदू फिलहाल  29 दिसंबर तक की छुट्टी पर है। उसको ऐसा लग रहा है कि छुट्टी के बाद फिर से सेना ज्वाइन करने के बाद भी मेरे साथ भेदभाव किया जाएगा। इसी के चलते उसने जिलाधिकारी के जरिए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को भेजे पत्र में इच्छा मृत्यु की मांग की है।

जवान को नहीं मिला 7 महीने का वेतन
चंदू ने बताया मैंने करीब 90 दिन तक सेना की जेल में सजा काटनी पड़ी है। वहीं उसको कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी से भी गुजरना पड़ा है। उसका कहना है कि इस दौरान मुझको करीब 7 महीने से वेतन भी नहीं मिला है। चंदू ने सेना के अधिकारियों पर अपना मोबाइल और अपनी पहचान आईडी भी जब्त करने का आरोप लगाया है।