सार

संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ दलित नेता प्रकाश आम्बेडकर की पार्टी वीबीए द्वारा शुक्रवार को आहूत 'महाराष्ट्र बंद' के मद्देनजर राज्य के कई हिस्सों में पथराव की छिटपुट घटनाएं हुई।

मुंबई / सोलापुर / पुणे. संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) के खिलाफ दलित नेता प्रकाश आम्बेडकर की पार्टी वीबीए द्वारा शुक्रवार को आहूत 'महाराष्ट्र बंद' के मद्देनजर राज्य के कई हिस्सों में पथराव की छिटपुट घटनाएं हुई लेकिन आम जनजीवन पर खास असर नहीं पड़ा।

पुलिस ने बताया कि ईस्टर्न एक्सप्रेस हाइवे को बाधित करने के प्रयास के लिए मुंबई के उपनगर घाटकोपर में 42 लोगों को गिरफ्तार किया गया। बाद में उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया।

एक बस चालक हुआ घायल

मुंबई में पथराव की घटना में एक बस चालक घायल हो गया।


देश की आर्थिक स्थिति को लेकर राज्य बंद

वंचित बहुजन आघाडी (वीबीए) ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ तथा देश की आर्थिक स्थिति को लेकर राज्य बंद का आह्वान किया था।

शाम करीब चार बजे बंद समाप्त होने की घोषणा के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए, वीबीए नेता आम्बेडकर ने दावा किया कि मुंबई में बंद को व्यापारियों और दफ्तरों में काम करने वालों से 'अच्छी प्रतिक्रिया' मिली और बंद का आयोजन पूरे राज्य में ''शांतिपूर्ण'' रहा।

वीबीए नेता आम्बेडकर ने कहा

उन्होंने कहा कि बंद के दौरान पथराव या तोड़फोड़ करने वाले कुछ लोग वीबीए के सदस्य नहीं हैं और वे अन्य संगठनों के सदस्य हैं।


अमरावती में वीबीए कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया

आंबेडकर ने कहा कि पुलिस ने विदर्भ के अमरावती में वीबीए कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया, लेकिन बाद में पुलिस को महसूस हुआ कि उनकी कार्रवाई गलत थी। इसके बाद पार्टी समर्थकों को छोड़ दिया गया।

उन्होंने बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ताओं पर बंद के दौरान पालघर में जबरन दुकानें खुलवाने की कोशिश करने का आरोप लगाया।

''महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन'' 

आंबेडकर ने कहा, ''महाराष्ट्र के बाकी हिस्सों में शांतिपूर्ण ढंग से विरोध प्रदर्शन किया गया। हमने सीएए, एनआरसी और एनपीआर के खिलाफ संदेश दे दिया है। यह मुसलमानों के साथ-साथ हिंदुओं को भी प्रभावित कर रहा है... इसके साथ ही, देश की अर्थव्यवस्था ध्वस्त हो गई है। हमने इसे उजागर किया है।''

उन्होंने कहा कि गुरुवार रात से राज्य भर में वीबीए के लगभग 3,000 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया। उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने पुलिस से प्रदर्शनकारियों को रिहा करने का अनुरोध किया है क्योंकि वे तोड़फोड में लिप्त नहीं थे।

100 राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने किया बंद का समर्थन 

उन्होंने दावा किया कि मजदूर संघों के अलावा लगभग 100 राजनीतिक और सामाजिक संगठनों ने बंद का समर्थन किया। मुंबई में यातायात बाधित करने की कुछ घटनाओं और पथराव की छिट-पुट घटनाओं को छोड़कर शहर में बंद का कोई खास असर नहीं देखने को मिला।

(यह खबर समाचार एजेंसी भाषा की है, एशियानेट हिंदी टीम ने सिर्फ हेडलाइन में बदलाव किया है।)