सार

एक दिन की यह बच्ची पुणे के विश्रांतवाड़ी में एक डस्टबिन में पड़ी मिली है। बच्ची के गले में कपड़ा कसा हुआ मिला। यानी जिसने भी उसे फेंका, उसने बच्ची को मरा हुआ समझ लिया था।
 

पुणे, महाराष्ट्र. थोड़ी-सी भी समझदार होने पर यह बच्ची यह जरूर पूछेगी,'मां! मुझे डस्टबिन में ही फेंकना था, तो पैदा ही क्यों किया?' यह शर्मनाक मामला पुणे के विश्रांतवाड़ी एरिया का है। यहां शुक्रवार सुबह डस्टबिन में एक नवजात पड़ी मिली। डस्टबिन से कचरा भरने आई एक महिला सफाई कर्मचारी की सबसे पहले बच्ची पर नजर पड़ी। उसने बच्ची को उठाया और फिर पुलिस को सूचित किया। पुलिस ने बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया है।


पुलिस के अनुसार, प्रियदर्शनी पार्क के पास रखे डस्टबिन में इस एक दिन की बच्ची को मरने के लिए फेंका गया था। लेकिन किस्मत से उसकी जान बच गई। शुक्रवार सुबह एक महिला सफाई कर्मचारी कचरा भरने आई थी। इसी दौरान उसे डस्टबिन में एक पतले कपड़े के अंदर कुछ हिलता-डुलता नजर आया। जब उसने कपड़ा हटाकर देखा, तो उसमें बच्ची लिपटी मिली। बच्ची को देखकर सफाई कर्मचारी के होश उड़ गए। उसने बच्ची को उठाया और पुलिस को फोन किया। 

CCTV से मिले सुराग..
मालाबार हिल पुलिस के अनुसार बच्ची को वाडिया अस्पताल में भर्ती कराया गया है। इस संबंध में अज्ञात लोगों पर केस दर्ज कर लिया गया है। पुलिस को प्रियदर्शिनी पार्क के पास लगे CCTV कैमरे से कुछ अहम सुराग हाथ लगे हैं। पुलिस को जानकारी मिली है कि वहीं पास में एक झुग्गी झोपड़ी में रहने वाली महिला गर्भवती थी। वो कई दिनों से घर के बाहर नहीं दिखी। उधर, बच्ची की जान बचाने वाली सफाई कर्मचारी लक्ष्मी ढेमरे ने बताया कि वो पिछले 19 सालों से स्नेहगंध सोसायटी के आसपास सफाई का काम करती आ रही है। बच्ची को देखकर उसे रोना आ गया।