मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra Political Crisis) में मचे सियासी घमासान में अब बीजेपी (BJP) की भी खुले तौर पर एंट्री हो गई है। मंगलवार को बीजेपी नेता पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis), प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल (Chandrakant Patil) व गिरीश महाजन (Girish Mahajan) ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Maharashtra Governor) से मुलाकात कर महा विकास अघाड़ी (MVA) के अल्पमत में होने का दावा किया। बीजेपी ने मांग किया है कि राजभवन, फ्लोर टेस्ट कराए। महाराष्ट्र में 16 बागी विधायकों की अयोग्यता पर कार्रवाई करने से सुप्रीम कोर्ट द्वारा तात्कालिक रोक लगाने के बाद बीजेपी अब उद्धव सरकार गिराने के लिए मोर्चा लेने के लिए सामने खुलकर आई है।

सरकार अल्पमत में, फ्लोर टेस्ट हो

दिल्ली से मुंबई पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि हमने राज्यपाल को लिखा है और उनसे कहा भी कि शिवसेना के 39 विधायक बार-बार कह रहे हैं कि वे कांग्रेस-एनसीपी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहते हैं। इसका मतलब है कि वे सरकार के साथ नहीं हैं। इसलिए हमने राज्यपाल से कहा है कि उन्हें मुख्यमंत्री से फ्लोर टेस्ट कराने और बहुमत साबित करने के लिए कहना चाहिए। राज्यपाल से मिलने पहुंचे फडणवीस के साथ बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल व गिरीश महाजन भी थे।

बीजेपी सरकार बनाने के लिए कर रही तैयारी

मंगलवार को दिल्ली में फडणवीस ने भाजपा प्रमुख जेपी नड्डा के साथ 30 मिनट का रणनीतिक चर्चा की है। माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा बागी विधायकों को राहत मिलने के बाद अब बीजेपी फ्रंटफुट पर आ गई है। बताया जा रहा है कि बीजेपी, बागी विधायकों के साथ गठबंधन कर सरकार बनाने की रणनीतिक तैयारी कर रही है। सूत्रों की मानें तो राज्यपाल कोश्यारी, मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से इस सप्ताह बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं।

लेकिन ठाकरे गुट यह चाहता है...

टीम ठाकरे ने सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया था कि बागी विधायकों को अयोग्यता नोटिस के मामले का निपटारा होने तक फ्लोर टेस्ट की अनुमति नहीं दी जाए। कोर्ट ने इस पर आदेश देने से इनकार कर दिया है। उधर, उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से अपील की है कि वह मुंबई आकर उनसे बात करें। माना जा रहा है कि गुरुवार को बागी विधायकों व ठाकरे के बीच बातचीत हो। 

उद्धव ने की है भावुक अपील

मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बागी विधायकों से बातचीत करने के लिए भावुक अपील करते हुए लिखा है कि मैं आपसे अपील करना चाहता हूं कि समय अभी भी नहीं गया है। कृपया आओ, मेरे साथ बैठो, शिवसैनिकों और जनता के मन से सभी संदेहों को दूर करो, तब हम कोई रास्ता निकाल सकते हैं। हम एक साथ बैठ सकते हैं और एक रास्ता खोज सकते हैं। 

शिंदे नहीं चाहते हैं उद्धव के साथ बागियों की हो मीटिंग

उद्धव ठाकरे के खिलाफ तख्तापलट का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे नहीं चाहते हैं कि बागी विधायकों व ठाकरे के बीच बातचीत हो। उन्होंने मंगलवार को कहा कि वह जल्द ही मुंबई जाएंगे और बालासाहेब ठाकरे की विरासत को आगे ले जाएंगे। शिंदे का दावा है कि उन्हें लगभग 50 विधायकों का समर्थन प्राप्त है, जिनमें से लगभग 40 शिवसेना के हैं।

ईडी के माध्यम से दबाव का आरोप

शिवसेना ने भाजपा पर बगावत कराने के लिए मास्टरमाइंड का काम करने का आरोप लगाया है। शिवसेना में बगावत कराने के लिए बीजेपी ने ईडी का इस्तेमाल किया है और तमाम विधायकों को इसके माध्यम से विद्रोह कराया गया है। बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय ने उद्धव ठाकरे के मुख्य प्रवक्ता संजय राउत को मनी लॉन्ड्रिंग मामले में तलब किया लेकिन उन्होंने जाने से इनकार कर दिया। श्री राउत ने सम्मन को एक साजिश बताया। अब ईडी ने एक जुलाई को पेश होने के लिए दूसरा समन जारी किया है।

क्यों मचा है बवाल?

दरअसल, बीते दिनों शिवसेना के सीनियर लीडर एकनाथ शिंदे ने बगावत कर दी। वह कई दर्जन विधायकों के साथ पहले सूरत पहुंचे। सियासी पारा चढ़ने के बाद शिंदे अपने विधायकों के साथ असम पहुंचे। यहां वह एक फाइव स्टार होटल में 40 से अधिक विधायकों के साथ डेरा डाले हुए हैं। शिंदे के पास शिवसेना के 40 बागियों व दस अन्य का समर्थन होने का दावा किया जा रहा है। शिंदे ने 24 जून की रात में वडोदरा में अमित शाह व देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की है। बताया जा रहा है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की संभावनाओं पर वह और बीजेपी के नेताओं ने बातचीत की है। हालांकि, चुपके से देर रात में हुई मुलाकात के बाद शिंदे, स्पेशल प्लेन से वापस गुवाहाटी पहुंच गए। 

उधर, शिंदे को पहले तो शिवसेना के नेताओं ने मनाने की कोशिश की लेकिन अब फ्लोर टेस्ट और कानूनी दांवपेंच चला जाने लगा है। दरअसल, शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे ने सारे बागियों को वापस आने और मिलकर फैसला करने का प्रस्ताव दिया। उद्धव ठाकरे की ओर से प्रवक्ता संजय राउत ने यह भी कहा कि अगर एनसीपी व कांग्रेस से बागी गुट चाहता है कि गठबंधन तोड़ा जाए तो विधायक आएं और उनके कहे अनुसार किया जाएगा। लेकिन सारे प्रस्तावों को दरकिनार कर जब बागी गुट बीजेपी के साथ सरकार बनाने का मंथन शुरू किया तो उद्धव गुट सख्त हो गया। इस पूरे प्रकरण में शिवसेना के प्रवक्ता संजय राउत मुखर होकर बागियों के खिलाफ मोर्चा लिए हुए हैं। 

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