राजस्थान के कुंभलगढ़ किले की दीवार, दुनिया की दूसरी सबसे लंबी, महाराणा प्रताप की जन्मभूमि और 700 से ज़्यादा मंदिरों का घर। चीन नहीं, भारत में देखें ये अद्भुत नज़ारा!
राजस्थान के कुंभलगढ़ का किला सिर्फ एक किला नहीं, भारत की वीरता और स्थापत्य कला की जीती-जागती मिसाल है। यहाँ की दीवार को 'द ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' कहा जाता है, जो न केवल भारत की सुरक्षा की गवाही देती है, बल्कि दुनिया की दूसरी सबसे लंबी दीवार होने का भी गौरव रखती है। ऊँची पहाड़ियों पर बना ये किला, शौर्य, स्थापत्य और इतिहास का बेहतरीन संगम है, तो अगली बार जब 'ग्रेट वॉल' का ख्वाब आए, चीन नहीं — भारत के इस गर्व को अपनी आंखों से जरूर देखें।
कुंभलगढ़ कहां है?
- कुंभलगढ़ राजस्थान के राजसमंद जिले में स्थित है, और यह उदयपुर से करीब 85 किलोमीटर की दूरी पर है।
- यह किला अरावली पर्वतमाला की पहाड़ियों पर 1100 मीटर की ऊंचाई पर बना है।
कुंभलगढ़ क्यों है खास?
विश्व की दूसरी सबसे लंबी दीवार:
- इस किले की दीवार 36 किलोमीटर लंबी है, जो चीन की ग्रेट वॉल के बाद दुनिया में दूसरे स्थान पर आती है।
- दीवार की मोटाई इतनी है कि एक साथ 8 घोड़े दौड़ सकते हैं।
महाराणा प्रताप का जन्मस्थान:
यह किला महाराणा प्रताप की जन्मभूमि रहा है, जो मेवाड़ के सबसे प्रसिद्ध योद्धाओं में से एक थे।
700 से ज्यादा मंदिर:
किले के भीतर 300 जैन और 400 हिंदू मंदिर स्थित हैं, जो इसकी धार्मिक महत्ता को दर्शाते हैं।
नेचुरल डिफेंस:
- घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा ये किला दुश्मनों के लिए दुर्गम था।
- यह किला आज भी कुम्भलगढ़ वाइल्डलाइफ सेंचुरी से घिरा हुआ है।
लाइट एंड साउंड शो:
हर शाम किले में एक लाइट एंड साउंड शो होता है, जो मेवाड़ के गौरवशाली इतिहास को जीवंत करता है।
कुंभलगढ़ कैसे पहुंचे?
हवाई यात्रा
- नजदीकी एयरपोर्ट उदयपुर (डबोक एयरपोर्ट) है, जो लगभग 95 किलोमीटर दूर है।
रेल यात्रा
- निकटतम रेलवे स्टेशन फालना या उदयपुर हैं, जहां से टैक्सी या बस द्वारा पहुंचा जा सकता है।
सड़क यात्रा
- उदयपुर, जयपुर, जोधपुर और अहमदाबाद जैसे शहरों से सीधी बस/टैक्सी सेवा उपलब्ध है।
- उदयपुर से कार से 2.5 घंटे में पहुंच सकते हैं।
ट्रेवल टिप्स:
- अक्टूबर से फरवरी तक का समय यात्रा के लिए सबसे बेस्ट है।
- ट्रेकिंग या जंगल सफारी भी कुंभलगढ़ सेंचुरी में की जा सकती है।
- फोटोग्राफी के शौकीनों के लिए ये जगह जन्नत से कम नहीं।