सार
हवाई जहाज (Airplane) में सफर किसे पसंद नहीं? सुरक्षित, आरामदायक और तेज़ सफर के लिए हवाई जहाज मशहूर है। जैसे ही विमान उड़ान भरता है, लोग सीट पर पीछे की ओर झुक जाते हैं, ट्रे टेबल (tray table) पर पानी की बोतल रखते हैं, कानों में इयरफ़ोन लगाते हैं और आराम से बैठ जाते हैं। जैसे ही आराम करने का समय आता है, केबिन क्रू आकर सीट सीधी करने, सीट बेल्ट लगाने और ट्रे टेबल मोड़ने का निर्देश देते हैं। सीट बेल्ट (seat belt) लगाना तो ठीक है, लेकिन ट्रे टेबल क्यों मोड़ना ज़रूरी है, यह सवाल कई लोगों के मन में आता है।
विमान के टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान कई सावधानियां बरती जाती हैं। ट्रे टेबल मोड़ना भी इन्हीं में से एक है। इस दौरान केबिन क्रू अपनी सीटों को भी सीधा कर लेते हैं। टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान हादसे की आशंका ज़्यादा होती है। ऐसे में यात्रियों की सुरक्षा सबसे ज़रूरी होती है। अगर कोई हादसा होता है, तो ट्रे टेबल जैसी चीज़ें उछलकर लोगों को चोट पहुँचा सकती हैं। इमरजेंसी में विमान से बाहर निकलने में भी ट्रे टेबल रुकावट बन सकती है। इसलिए क्रू ट्रे टेबल मोड़ने और उस पर रखे खाने को हटाने के लिए कहते हैं।
सीट सीधी क्यों रखें? : टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान यात्रियों को अपनी सीट सीधी रखने के लिए कहा जाता है। ज़्यादातर हवाई हादसे टेकऑफ़ और लैंडिंग के दौरान ही होते हैं। ऐसे में अगर सीट पीछे की ओर झुकी हो, तो वह लॉक नहीं होगी और झटके से व्यक्ति को गंभीर चोट लग सकती है। इसलिए इस दौरान सीट सीधी रखकर सीट बेल्ट लगाने को कहा जाता है।
2004 और 2013 के बीच हुए एक अध्ययन से पता चला कि 58% गंभीर हवाई हादसे लैंडिंग के दौरान और 22% टेकऑफ़ के दौरान हुए। विमान की सीटों को झटके सहने के लिए डिज़ाइन किया जाता है। अगर सीट सीधी न हो, तो यात्री गिर सकता है और उसे चोट लग सकती है। अगर सीट पीछे झुकी हो, तो चोट लगने का खतरा और भी बढ़ जाता है।
कौन सी सीट सुरक्षित? : 35 साल के हवाई हादसों के आंकड़ों पर 2015 में हुए एक अध्ययन से पता चला कि विमान की पिछली सीटें सबसे सुरक्षित होती हैं। हादसे में इन सीटों पर बैठे लोगों को कम चोट लगती है। जबकि आगे की सीटों पर बैठे लोगों को ज़्यादा नुकसान होता है। पिछली सीटों पर बैठने से इमरजेंसी में जल्दी बाहर निकलने में भी मदद मिलती है। विमान के पंखों में ईंधन भरा होता है, इसलिए बीच की सीटों पर बैठना सबसे खतरनाक माना जाता है।