मानसून में साउथ इंडिया घूमने का प्लान है? सोच समझ कर करें! भूस्खलन, बाढ़, और तूफ़ान जैसी मुसीबतें आपका सफ़र बर्बाद कर सकती हैं। इन 5 जगहों से दूर रहें, सुरक्षित रहें।

मानसून का मौसम खूबसूरत वादियों, हरियाली और ठंडी हवाओं का मज़ा देता है। लेकिन इस मौसम में कुछ जगहें ऐसी भी होती हैं जहां जाना सिर्फ जोखिम ही नहीं, जानलेवा भी हो सकता है। खासकर साउथ इंडिया की कुछ पहाड़ी और तटीय जगहें, जहां भूस्खलन, भारी बारिश और बाढ़ जैसी घटनाएं आम हो जाती हैं। मानसून में साउथ इंडिया की खूबसूरती कई गुना बढ़ जाती है, इसलिए ट्रेवल प्रेमी साउथ इंडिया जाने का प्लान करते हैं। अगर आप भी मानसून में ट्रैवल करने का प्लान बना रहे हैं, तो इन 5 जगहों से दूरी बनाना ही समझदारी है। जानिए विस्तार से:

मानसून में साउथ के इन पांच जगहों पर न जाएं, हो सकता है खतरा

मुन्नार (केरल) – लैंडस्लाइड जोन में बदल जाता है स्वर्ग

  • मुन्नार की चाय की घाटियां और बादलों में लिपटी पहाड़ियां मानसून में भारी बारिश और लैंडस्लाइड का घर बन जाती हैं।
  • सड़कें बंद हो जाती हैं और बिजली-पानी जैसी सुविधाएं बाधित होती हैं।
  • बहुत बार यहां टूरिस्ट ट्रैप में फंस जाते हैं और बचाव दल की जरूरत पड़ती है।

कोडाईकनाल (तमिलनाडु) – फिसलन और कोहरे का खतरनाक कॉम्बो

  • कोडाईकनाल की हिल्स और घुमावदार रास्ते मानसून में भारी कोहरे और स्लिपरी सड़कों से भर जाते हैं।
  • यहां कई बार रोड एक्सीडेंट और गाड़ी फंसने जैसी घटनाएं होती हैं।
  • ट्रेकिंग और जंगल की ट्रिप तो बिल्कुल भी न करें।

कूर्ग (कर्नाटक) – बाढ़ और रपटते झरनों का खतरा

  • कूर्ग का नैचुरल ब्यूटी मानसून में भीगकर रौद्र रूप ले लेता है।
  • यहां नदी और झरनों में जलस्तर अचानक बढ़ जाता है, जिससे डूबने और फिसलने का खतरा बना रहता है।
  • साथ ही लीच और कीड़े-मकोड़े भी बड़ी परेशानी बन सकते हैं।

चेरापूंजी-मेघालय बॉर्डर से सटे तटीय आंध्रप्रदेश के क्षेत्र

  • इस क्षेत्र में मानसून के समय भारी चक्रवाती बारिश और तूफान आते हैं।
  • फ्लाइट कैंसिलेशन और रोड ब्लॉक आम बात होती है।
  • समुद्र तटों पर पानी उफान पर होता है और कई बार जानलेवा लहरें आती हैं।

वायनाड (केरल) – भूस्खलन और जलजमाव का गढ़

  • वायनाड की पहाड़ियों और जंगलों में मानसून में भारी बारिश के चलते मिट्टी खिसकने और पेड़ गिरने की घटनाएं होती हैं।
  • रिजॉर्ट्स में बिजली-पानी की सुविधा की कमी हो सकती है।
  • ट्रेकिंग और वॉटरफॉल साइट्स पर जाना जानलेवा हो सकता है।