मानसून में खूबसूरती के साथ खतरे भी होते हैं। हिमाचल से लेकर गोवा तक, कुछ जगहें ऐसी हैं जहां बारिश में जाना जानलेवा हो सकता है। भूस्खलन, बाढ़ और समुद्री खतरे जान जोखिम में डाल सकते हैं।

मानसून का मौसम भले ही रोमांटिक और नेचुरल ब्यूटी से भरपूर होता है, लेकिन इसी मौसम में कुछ जगहें खतरनाक भी हो जाती हैं। भारी बारिश, भूस्खलन, बाढ़ और फिसलन के कारण ये लोकेशन ट्रैवलर्स के लिए जानलेवा साबित हो सकती हैं। आइए जानें ऐसी 5 जगहें, जहां मानसून के दौरान घूमना जोखिम भरा हो सकता है।

1. हिमाचल प्रदेश – खासकर किन्नौर और लाहौल-स्पीति

क्यों खतरनाक:

जुलाई-अगस्त में हिमाचल के कई इलाकों में भारी भूस्खलन और फ्लैश फ्लड्स का खतरा बना रहता है।

किन रास्तों पर सावधानी:

रोहतांग पास, सतलुज घाटी और स्पीति वैली के रास्ते अक्सर बारिश में बंद हो जाते हैं।

क्या हो सकता है:

रोड ब्लॉकेज, होटल्स में फंसे रहना, इमरजेंसी हेल्प न मिलना।

2. उत्तराखंड – बद्रीनाथ, केदारनाथ और चमोली रूट

क्यों खतरनाक:

  • मानसून में यहां भारी वर्षा और ग्लेशियर मेल्टिंग से फ्लैश फ्लड्स और लैंडस्लाइड्स आम बात है।
  • खासकर 2013 की त्रासदी के बाद से हर साल अलर्ट जारी होता है।

क्या हो सकता है:

रास्ते धंस सकते हैं, नदी का बहाव बढ़ सकता है, नेटवर्क और हेल्प का टोटा हो सकता है।

3. चेरापूंजी और मेघालय के पहाड़ी क्षेत्र

क्यों खतरनाक:

ये भारत की सबसे ज़्यादा बारिश वाली जगह है — और कभी-कभी इतनी बारिश होती है कि रास्ते, ब्रिज और गांव कट जाते हैं।

कब न जाएं:

जून से अगस्त के बीच।

क्या हो सकता है:

ट्रैकिंग रूट्स फिसलन भरे, रास्ते बंद, बिजली और नेटवर्क की समस्या।

4. दार्जिलिंग और सिक्किम के कुछ हिस्से

क्यों खतरनाक:

पहाड़ी इलाका, संकरे रास्ते और मानसून में लगातार बारिश लैंडस्लाइड को बुलावा देती है।

कब न जाएं:

जुलाई से सितंबर।

क्या हो सकता है:

NH10 (सिक्किम का मेन हाइवे) अक्सर बंद हो जाता है, जिससे आप फंस सकते हैं।

5. कोंकण और गोवा के तटीय इलाके

क्यों खतरनाक:

मानसून में समुद्र उफान पर होता है — हाई टाइड, तेज लहरें और फिसलन भरे बीच खतरनाक हो सकते हैं।

समुद्र तटों पर चेतावनी:

कई बार लाइफगार्ड्स बीच बंद कर देते हैं, लेकिन टूरिस्ट रिस्क लेते हैं।

क्या हो सकता है:

समुद्र में खिंचाव (rip current), अचानक बारिश से रास्ते बंद।