सार
वैसे तो हर बच्चा दिमागी रूप से तेज होता है, फिर भी उनके मानसिक विकास के लिए पेरेंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है।
लाइफस्टाइल डेस्क। वैसे तो हर बच्चा दिमागी रूप से तेज होता है, फिर भी उनके मानसिक विकास के लिए पेरेंट्स को कुछ खास बातों का ध्यान रखने की जरूरत होती है। बहुत से पेरेंट्स की यह शिकायत होती है कि उनका बच्चा पढ़ता तो काफी है, पर पढ़ी हुई बात उसे याद नहीं रह पाती। दरअसल, ऐसा ज्यादातर बच्चों के साथ होता है। पढ़ी हुई बात को याद रखने के लिए उसका अभ्यास यानी रिवीजन करना जरूरी होता है। दूसरे, आजकल ज्यादातर बच्चे इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेस पर ज्यादा निर्भर होते जा रहे हैं। मामूली जोड़-घटाव के लिए वे कैलकुलेटर का सहारा लेते हैं। उन्हें पूरी गिनती तक याद नहीं रहती। स्मार्टफोन और लैपटॉप पर ज्यादा वक्त बिताने से उनके दिमाग पर इसका नेगेटिव असर पड़ता है। जानें बच्चों के दिमाग को तेज बनाने के कुछ टिप्स।
1. बच्चों को क्रिएटिव एक्टिविटीज में लगाएं
बच्चे का संतुलित विकास हो सके, इसके लिए उसे स्कूल की पढ़ाई से अलग कुछ क्रिएटिव एक्टिविटीज में लगाना जरूरी होता है। बच्चों को कविता या कहानी की किताब पढ़ने के लिए दें। उन्हें कविता सुनाने या गीत गाने के लिए कहें। हो सके तो आप भी उन्हें कोई कहानी या कविता सुनाएं। इससे बच्चों की कल्पना शक्ति बढ़ती है और उनका दिमाग तेज होता है।
2. गैजेट्स से रखें दूर
बच्चों को हर हाल में गैजेट्स से दूर रखें। रिसर्च से यह पता चला है कि कम उम्र में गैजेट का इस्तेमाल करने से दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है। बच्चा गैजेट्स का आदी हो जाता है। गैजेट्स बच्चों के दिमाग को कुंद करते हैं। ये उनकी कल्पना शक्ति और क्रिएटिविटी को बढ़ने नहीं देते। इसलिए बच्चों को ऑनलाइन गेम, स्मार्टफोन और लैपटॉप से दूर ही रखें।
3. फिजिकल एक्टिविटीज पर दें जोर
इस बात का खास ख्याल रखें कि आपका बच्चा फिजिकल एक्टिविटीज से दूर तो नहीं रहता। बेहतर स्वास्थ्य के लिए फिजिकल एक्टिविटीज जरूरी है। बच्चे को रोज एक्सरसाइज करने के साथ आउटडोर गेम्स में भी भाग लेने के लिए प्रेरित करें। फुटबॉल और बैडमिंटन बहुत ही अच्छे खेल हैं। अगर बच्चा शारीरिक गतिविधियों में पर्याप्त समय देता है, तो उसका मानसिक विकास भी बेहतर होता है।
4. बच्चों के सवालों का दें जवाब
छोटे बच्चे अक्सर काफी सवाल पूछते हैं। बच्चे जब भी कोई सवाल पूछें, उसका जवाब जरूर दें। कई बार पेरेंट्स बच्चों के सवालों का जवाब नहीं देते या उन्हें झिड़क देते हैं। इसका बच्चों के कोमल मन पर बहुत खराब असर होता है। अगर आपको बच्चे के सवाल का जवाब नहीं मालूम तो कहें कि बात में बताऊंगा और पता करके बताएं। इससे बच्चे का भरोसा आप पर बढ़ेगा।
5. बच्चे के साथ दोस्ताना व्यवहार करें
बच्चों को अनुशासन के नियमों को सिखाना जरूरी है, लेकिन कहीं ऐसा न हो कि बच्चा आपसे डरने लगे। जो बच्चे पेरेंट्स से डरते हैं, उनका मानसिक विकास सही तरीके से नहीं होता। आगे चल कर वे दब्बू हो जाते हैं और उनमें सेल्फ कॉन्फिडेंस की कमी हो जाती है। इसलिए जहां तक हो सके, बच्चों के साथ दोस्ताना व्यवहार करें।