सार

कोरोनावायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन में ज्यादातर लोग घर में ही समय बिता रहे हैं। बोरियत से बचने के लिए लोग अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा समय बिताने से तनाव पैदा होने लगता है और नेगेटिविटी बढ़ती है। 

लाइफस्टाइल डेस्क। कोरोनावायरस महामारी के दौरान लॉकडाउन में ज्यादातर लोग घर में ही समय बिता रहे हैं। बोरियत से बचने के लिए लोग अपना ज्यादा समय सोशल मीडिया पर बिताते हैं। मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सोशल मीडिया पर जरूरत से ज्यादा समय बिताने से तनाव पैदा होने लगता है और नेगेटिविटी बढ़ती है। सोशल मीडिया पर ज्यादा समय तक एक्टिव रहने से व्यक्ति वास्तविक दुनिया से कटने लगता है। सोशल मीडिया पर उसका संपर्क ऐसे लोगों से होता है, जिन्हें वह व्यक्तिगत रूप से नहीं जानता है। इसके अलावा, तरह-तरह की पोस्टों को देखने और उन पर की जाने प्रतिक्रियाओं से उसमें मानसिक उलझन की स्थिति भी पैदा हो जाती है। कई बार उसमें हीन भावना आने लगती है और सेल्फ कॉन्फिडेंस भी कमने लगता है। कई मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल रोज 20-25 मिनट से ज्यादा नहीं करना चाहिए। देखने में आया है कि जो लोग सोशल मीडिया पर ज्यादा वक्त देते हैं, वे परिवार और दोस्तों से भी कटने लगते हैं। 

1. सोशल मीडिया को एडिक्शन मत बनने दें
बहुत से लोग सोशल मीडिया के एडिक्ट हो जाते हैं। वे काम करने के दौरान भी बार-बार फेसबुक, इंस्टाग्राम या ट्विटर पर जाकर स्टेटस देखते हैं। इसके अलावा, वे खुद भी काफी स्टेटस डालते हैं। इससे कोई फायदा नहीं होता। अगर सोशल मीडिया पर आपकी फॉलोइंग ज्यादा भी हो तो वास्तविक जीवन में इससे आपको किसी तरह की कोई मदद नहीं मिल सकती। 

2. मन बहलाव के दूसरे तरीके अपनाएं
ज्यादातर लोग सोशल मीडिया को मनोरंजन का एक जरिया समझते हैं। वे मन बहलाव के लिए उस पर जाते हैं। लेकिन सोशल मीडिया मन बहलाव या मनोरंजन का माध्यम नहीं है। इस पर लोग अपने विचारों को शेयर करते हैं। आजकल इसका इस्तेमाल राजनीतिक प्रचार या किसी बिजनेस के प्रमोशन के लिए भी होने लगा है। इसलिए अगर आपका मकसद मनोरंजन करना है तो सोशल मीडिया की जगह कोई दूसरा माध्यम अपनाएं।

3. खाली समय में पढ़ें किताबें
मनोरंजन के लिए आप खाली समय में कोई किताब पढ़ सकते हैं। किताबों को सबसे अच्छा मित्र बताया गया है। इससे आपका भाषा संबंधी ज्ञान भी बढ़ेगा। आप अपनी रुचि के मुताबिक कोई भी किताब पढ़ सकते हैं। कहानी और उपन्यास पढ़ने से आपको सामाजिक सच्चाइयों की बेहतर जानकारी मिल सकती है। दुनिया के अच्छे लेखकों की एक लिस्ट बनाएं और उनकी किताबें खरीद कर या लाइब्रेरी से लेकर पढ़ना शुरू कर दें।

4. संगीत सुनने से भी मिलता है सुकून
अगर आप किसी तरह की परेशानी महसूस कर रहे हों या आपका मन नहीं लग रहा हो तो ऐसी हालत में आपके लिए संगीत सुनना बेहतर ऑप्शन हो सकता है। आपको जैसा संगीत पसंद हो सुनें। लेकिन ज्यादा शोर-शराबे वाला संगीत सुनने से दिलो-दिमाग पर अच्छा असर नहीं होता। इससे बचना चाहिए।

5. दोस्तों से करें बात
हर इंसान के लिए किसी से बातचीत करना अच्छा रहता है। खास कर करीबी दोस्तों और परिवार के लोगों से जरूर बात करनी चाहिए। जरूरी नहीं कि कोई काम होने पर ही बात करें। ऐसे भी किसी विषय पर बात कर सकते हैं। इसमें समय भी बीत जाता है और मन पर किसी तरह का बोझ नहीं रहता।