सार

child's first day at school: पहली बार स्कूल जाने वाले बच्चों के लिए ज़रूरी है कि उन्हें पहले से तैयार किया जाए। खुद का ख्याल रखना, शौचालय का इस्तेमाल, खान-पान और अपनी बात कहना सिखाएँ ताकि वे नए माहौल में सहज महसूस करें।

Parenting Tips: स्कूलों में नया सत्र शुरू हो रहा है। नए सत्र में बच्चे पुरानी क्लास से नई क्लास में जाते हैं, वहीं कई छोटे बच्चे पहली बार स्कूल में एडमिशन लेते हैं। छोटे बच्चे, जो कभी अपने माता-पिता के बिना अकेले घर से बाहर नहीं निकलते, जब पहली बार स्कूल जाते हैं, तो उनके मन में जितना डर ​​होता है, उससे कहीं ज़्यादा उनके माता-पिता को होता होगा। बच्चे की ज़िंदगी का पहला स्कूल उसके माता-पिता के लिए बेहद ख़ास होता है। पहली बार स्कूल जाने वाला बच्चा एक नई दुनिया से मिलता है। यह बच्चे के आत्मनिर्भर बनने की दिशा में पहला कदम होता है।

माता-पिता थोड़ी-सी तैयारी करके अपने बच्चे को बिना किसी चिंता के पहली बार स्कूल भेज सकते हैं। अगर आपका बच्चा भी पहली बार स्कूल जा रहा है, तो उसे स्कूल भेजने से पहले कुछ ज़रूरी बातें सिखाएं।

खुद का ख्याल रखना (Taking care of oneself)

अब तक आपकी गोद में घूमने वाले बच्चे को अपने सामान और ज़िम्मेदारियों का बोझ उठाना सिखाएँ। यानी उसे अपना बैग खुद उठाना, बोतल पकड़ना और अपने छोटे-मोटे सामान का ख्याल रखना सिखाएं। उसे बताएं कि उसे अपनी चीजों का ख्याल कैसे रखना है।

शौचालय का इस्तेमाल करना (Using the toilet)

बच्चे को शौचालय के बारे में पहले से जानकारी दें। बच्चे को सिखाएं कि जब उसे शौचालय जाना हो तो शिक्षक को बताए। उसे सिखाएं कि शौचालय का सही तरीके से इस्तेमाल कैसे करें और शौच के बाद हाथ कैसे धोएं। इससे उसे स्कूल में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।

खान-पान की आदतें (Eating habits)

घर पर तो परिवार के लोग बच्चे को हमेशा खाना खिलाते हैं, लेकिन स्कूल में उसे खुद ही खाना पड़ेगा। इसलिए बच्चे को समझाएं कि टिफिन कैसे खोलना है, खुद से खाना कैसे खाना है और पानी कैसे पीना है। साथ ही उसे बताएं कि लंच से पहले उसे अपने हाथ साफ करने हैं और स्वच्छता पर ध्यान देना है।

अपनी राय व्यक्त करना (Expressing his opinion)

जब बच्चा पहली बार स्कूल जाता है तो वह अनजान लोगों के बीच होता है। कई बार बच्चे अपने माता-पिता के अलावा किसी से अपनी राय व्यक्त नहीं कर पाते हैं, जिससे उन्हें स्कूल में परेशानी हो सकती है। बच्चे को सिखाएं कि अगर उसे किसी चीज की जरूरत हो या कोई परेशानी हो तो वह बिना झिझक अपने शिक्षक से बात करे।