Jaya Kishori's Definition of Marriage: अक्सर जब हम शादी की बात करते हैं, तो हमारे दिमाग में सबसे पहले दूल्हा-दुल्हन, हल्दी, मेहंदी, संगीत, मेकअप, डांस, रिसेप्शन, मेहमानों की चहल-पहल और धूमधाम से होने वाली पार्टी का ख्याल आता है। लेकिन क्या शादी सिर्फ इतने तक ही सीमित है? जानी-मानी कथा वाचक जया किशोरी ने शादी का एक गहरा और वास्तविक अर्थ बताया है, जो इससे कहीं अधिक है। उन्होंने कहा कि शादी सिर्फ एक दिन का उत्सव नहीं है, बल्कि दो लोगों का एक पवित्र बंधन है, जो जीवनभर एक-दूसरे का साथ निभाने का संकल्प लेते हैं।
शादी का असली अर्थ:
जीवनभर का साथ
शादी का मतलब सिर्फ एक दिन के आयोजन तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह 50-60 साल तक का सफर होता है। इसमें दोनों लोगों को हर परिस्थिति में एक-दूसरे का हाथ पकड़कर आगे बढ़ना होता है।
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सिर्फ खुशी के लिए नहीं, हर परिस्थिति के लिए साथ
शादी में केवल खुशियों के लम्हे नहीं होते, बल्कि इसमें चुनौतियाँ, जिम्मेदारियाँ और कठिनाइयाँ (शादी की चुनौतियाँ, जिम्मेदारियाँ और कठिनाइयाँ) भी होती हैं। यह देखना महत्वपूर्ण होता है कि पति-पत्नी एक-दूसरे का कितना साथ देते हैं और मुश्किल समय को कैसे मिलकर संभालते हैं।
भविष्य की जिम्मेदारियाँ
शादी सिर्फ दो लोगों का मेल नहीं बल्कि एक पूरा जीवन तैयार करने की प्रक्रिया है। इसमें आगे चलकर बच्चे, उनका भविष्य, घर की देखभाल, महंगाई, परिवार के अन्य सदस्यों की जिम्मेदारियाँ और आर्थिक स्थिति जैसी कई चीजें शामिल होती हैं।
सफलता और असफलता दोनों में साथ
शादी में सिर्फ अच्छे दिन नहीं होते, बल्कि उतार-चढ़ाव भी आते हैं। एक सफल शादी वही होती है जहाँ दोनों साथी एक-दूसरे को सफलता की ऊंचाइयों तक पहुँचाने में मदद करें और असफलताओं में भी एक-दूसरे का सहारा बनें।
साथी का साथ सबसे जरूरी
शादी की असली परीक्षा तब होती है जब कोई परेशानी आती है। यह देखना जरूरी है कि दोनों साथी एक-दूसरे को कितनी मजबूती से सहारा देते हैं और कठिनाइयों का सामना कैसे करते हैं।
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शादी को लेकर जया किशोरी क्या कहती हैं?
जया किशोरी के अनुसार, शादी सिर्फ एक समारोह नहीं, बल्कि दो लोगों के बीच का ऐसा रिश्ता है जो पूरी जिंदगी तक चलता है। यह प्यार, समर्पण, विश्वास और एक-दूसरे के प्रति जिम्मेदारी का नाम है। एक सफल शादी वही होती है जहाँ दोनों साथी हर परिस्थिति में एक-दूसरे का साथ निभाते हैं और जीवन की चुनौतियों को मिलकर स्वीकार करते हैं। इसलिए जया किशोरी का मानना है कि शादी का फैसला चार दिन के धूमधाम को लेकर नहीं ब्लकि जीवन भर के साथ और चुनौतियों को सोच समझकर लेना चाहिए।