सार

यूके की 200 से ज्यादा कंपनियों ने कर्मचारियों के लिए 4 दिन काम करने का फैसला लिया। जानें इस फैसले के फायदे और इसका मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य पर असर।

रिलेशनशिप डेस्क: यूके की 200 से ज्यादा कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को हफ्ते में 4 दिन काम का ऑफर दिया। जहां भारत में हफ्ते में 70 घंटे काम करने की बातें चल रही हैं, ऐसे में यूके का नया फैसला मानों राहत देता नजर आता है। किसी भी व्यक्ति के लिए ऑफिस और घर के बीच बैलेंस बनाकर चलना बहुत जरूरी है। ये व्यक्ति के मानसिक स्वास्थ्य को न सिर्फ अच्छा रखता है बल्कि कई और भी फायदे पहुंचाता है।

द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक मार्केटिंग और टेक्नोलॉजी जैसे एरिया में 5,000 से ज्यादा लोग वर्किंग हैं। 4 डे वीक फाउंडेशन के अनुसार 5 दिन काम करने का मॉडल अब पुराना हो चुका है। ऐसे में नियम को अपडेट करना जरूरी था।

परिवार के साथ क्वालिटी टाइम

अगर व्यक्ति हफ्ते में 4 दिन काम करेगा तो वह पूरे तीन दिन अपने परिवार के साथ बिता सकता है। उसे ना तो कहीं जाने की जल्दबाजी होगी और ना ही ऑफिस से एक्स्ट्रा छुट्टी मांगने की जरूरत। परिवार की जिम्मेदारी को पूरा करते हुए ऑफिस का काम संभालना आसान हो जाएगा। 

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बढ़ेगा काम के प्रति उत्साह

लंबे घंटे तक काम करने से व्यक्ति शारीरिक और मानसिक रूप से थक जाता है। ऐसे में काम के प्रति उत्साह घट जाता है। इसका असरल आउटकम में भी पड़ता है। अगर व्यक्ति हफ्ते में 3 दिन छुट्टी पर रहेगा तो उसके अंदर काम को लेकर अलग ही जोश होगा। साथ ही प्रोडक्टिविटी पर भी पॉजिटिव असर पड़ेगा। 

तनाव में आएगी कमी

काम के घंटे बढ़ा देने से कर्मचारियों के मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। अगर कर्मचारी को काम और घर में बैलेंस करने को मिलेगा तो तनाव में भी कमी आएगी। कहीं न कहीं वीक ऑफ बढ़ने का सीधा असर व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर दिखेगा। 

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