वर्कलाइफ और पैरेंटिंग दोनों को करना है बैलेंस, तो इन टिप्स को करें फॉलो
नौकरी और बच्चों की परवरिश, दोनों को संभालना मुश्किल है, लेकिन नामुमकिन नहीं। 7 आसान तरीकों से आप दोनों के बीच संतुलन बना सकते हैं। कैसे, आइए जानते हैं।
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काम के तनाव में अक्सर बच्चों पर ध्यान नहीं दे पाते, जिससे मन अशांत रहता है। नौकरी और बच्चों की परवरिश दोनों साथ-साथ संभालना आसान नहीं, पर एक को चुनना भी विकल्प नहीं। दोनों को मैनेज करना ही होगा। तो कैसे करें दोनों में बेहतर? दोनों के बीच संतुलन बनाने के 7 आसान तरीके।
जैसे कंपनियों का एक विजन होता है, वैसे ही परिवार का भी एक विजन बनाएं। जीवनसाथी और बच्चों के साथ बैठकर परिवार के लिए ज़रूरी बातों पर चर्चा करें। हर वीकेंड बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताने का प्लान बनाएं। एक स्पष्ट विजन होने से आपका ध्यान नहीं भटकेगा।
बच्चों के साथ हमेशा घंटों बिताना ज़रूरी नहीं। छोटी लेकिन गहरी बातचीत करें। नाश्ते के समय छोटी सी बातचीत, ऑफिस जाने से पहले एक प्यार भरा गले लगाना या सोने से पहले 5 मिनट बातें करना, ये छोटे-छोटे पल आपके बच्चे के साथ आपके रिश्ते को मज़बूत बनाने में काफ़ी मददगार साबित होंगे।
सारा काम खुद करने की ज़रूरत नहीं। घरवालों या दोस्तों से मदद मांगने में कोई बुराई नहीं, चाहे वो ग्रोसरी शॉपिंग हो, बच्चों की देखभाल हो या खाना बनाना हो। इससे आपका कीमती समय बचेगा, जिसे आप अपने परिवार या खुद पर खर्च कर सकते हैं।
आजकल कई कंपनियां पेरेंट्स के लिए सुविधाएं देती हैं, जैसे डे केयर, पैरेंटल लीव और काउंसलिंग सर्विसेज। इनका पूरा लाभ उठाएं। ये आपकी मदद के लिए ही बनाई गई हैं। ऑफिस के दूसरे पैरेंट्स से बात करें, उनके अनुभवों और सुझावों से सीखें।
बच्चे परिवार का हिस्सा हैं और वो फैसले लेने में शामिल होना चाहते हैं। चाहे वीकेंड का डिनर प्लान करना हो या फैमिली ट्रिप, उन्हें भी फैसले लेने दें। इससे न सिर्फ़ उन्हें अपनी अहमियत का एहसास होगा, बल्कि उनकी निर्णय लेने की क्षमता भी विकसित होगी।
बिना किसी रुकावट के पेरेंटिंग के लिए कुछ समय तय करें। जैसे, शाम को दो घंटे जब ऑफिस का कोई काम न हो और पूरा ध्यान परिवार पर हो। इसी तरह, बिना किसी व्यवधान के अपने काम पर ध्यान केंद्रित करने के लिए भी समय निर्धारित करें। इससे आप अपने काम में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे और निजी जीवन को भी संतुलित रख पाएंगे।
पेरेंटिंग और काम में संतुलन बनाने के लिए, खुद का ख्याल रखना भी ज़रूरी है। अपनी पर्सनल वेलबीइंग को प्राथमिकता देने में कोई हर्ज नहीं। काम के दौरान कुछ मिनट का ब्रेक लेना, योग करना या कोई हॉबी अपनाना, कुछ भी हो सकता है।