सार

सोशल मीडिया रील्स की लत रिश्तों के लिए खतरनाक हो सकती है। भावनात्मक दूरी बढ़ने पर लोग स्मार्टफोन को ज़्यादा तवज्जो देते हैं, जिससे रिश्तों में दरार आ सकती है।

मोबाइल पर आने वाले सोशल मीडिया रील्स देखने की अगर लत लग जाए, तो यह पति-पत्नी और प्रेमियों के रिश्तों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है, एक अध्ययन में यह बात सामने आई है।

जब हमें किसी चीज़ को नज़रअंदाज़ करना होता है, तो हम अपना ध्यान कहीं और लगा देते हैं। ऐसा ही रिश्तों में भी देखा जा रहा है। यह हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि एक हालिया अध्ययन में यह बात सामने आई है। प्रेम संबंधों में, पार्टनर हर पल एक-दूसरे के साथ एन्जॉय करना चाहते हैं। रिश्तों में जब भावनात्मक ज़रूरतें पूरी नहीं होती हैं, तो लोग सोशल मीडिया की तरफ ज़्यादा झुकने लगते हैं।

रिश्तों में स्मार्टफोन को प्राथमिकता: रिश्तों में भावनात्मक जुड़ाव बहुत ज़रूरी है। जब भावनात्मकता कम होती है, तो लोग सोशल मीडिया का सहारा लेने लगते हैं। फ्रंटियर्स इन साइकोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, प्रेम संबंधों में भावनात्मक जुड़ाव कम होने पर लोग अलग तरह से व्यवहार करने लगते हैं। इसे फ़बिंग भी कहा जाता है। इस व्यवहार में, लोग आमने-सामने बात करने के बजाय स्मार्टफोन को प्राथमिकता देते हैं।

सोशल मीडिया की लत: जब हमें एक-दूसरे से जुड़ाव महसूस नहीं होता है, तब लोग सोशल मीडिया पर समय बिताना पसंद करते हैं। परेशानी की भावना को भुलाने के लिए वे घंटों सोशल मीडिया रील्स देखते रहते हैं। इससे उन्हें लत लग जाती है। इस शोध में 17 से 29 साल के 958 युवा वयस्कों को शामिल किया गया था। लोगों ने अपने रिश्तों, स्मार्टफोन और उसके इस्तेमाल के बारे में महत्वपूर्ण बातें साझा कीं। स्क्रॉलिंग की लत भ्रम पैदा करती है। व्यक्ति के पास रिश्ते को निभाने का समय नहीं बचता।

समस्याओं पर बात करके हल निकालें:  अगर आपके पार्टनर के साथ भावनात्मक जुड़ाव नहीं है, तो उनसे बात करें। अपनी समस्या के बारे में उन्हें बताएं। ऐसा करने से गलतफहमियां दूर होंगी। आप अपने बिगड़ते रिश्ते को भी सुधार सकते हैं।