सार
'S'ecret 'E'nergy 'X'change का मतलब सेक्स है. यह एक व्यक्ति की ऊर्जा को दूसरे में स्थानांतरित करने की प्रक्रिया है. आजकल शादी से पहले यौन संबंध बनाना आम बात हो गई है. शादी नामक पवित्र बंधन का कॉन्सेप्ट तो दशकों पहले ही खत्म हो गया है. ऐसे में शादी से पहले यौन संबंध कितने सही हैं? सेक्स असल में क्या है, इसके साथ ही एक ही बोतल से पानी पीने से कैसे ऊर्जा का आदान-प्रदान होता है, इस बारे में मनोवैज्ञानिक डॉ. सौजन्य वशिष्ठ ने राजेश गौड़ा यूट्यूब चैनल पर बात की है.
उनके अनुसार, सेक्स का मतलब 'S'ecret 'E'nergy 'X'change है. इसका अर्थ है एक व्यक्ति की ऊर्जा को दूसरे को देना. यह धरती पर एक नए जीवन को लाने की प्रक्रिया है. इसलिए इसकी अपनी पवित्रता है. लेकिन आजकल शादी से पहले सेक्स में शामिल होना आम बात हो गई है, जिससे कैसे एक व्यक्ति की नकारात्मक ऊर्जा दूसरे में जाती है और क्या-क्या समस्याएँ पैदा होती हैं, यह उन्होंने बताया है. इस पवित्र बंधन को कैजुअल तरीके से लेना सही नहीं है, ऐसा कहने वाली डॉ. सौजन्य ने इसके लिए एक अच्छा उदाहरण भी दिया है.
अगर आप दक्षिण भारतीय हैं, तो आपको चावल-सांभर चाहिए. वही अगर आप उत्तर भारत जाते हैं और वहाँ महीनों तक वहाँ का खाना खाते हैं, तो शुरुआत में आपको दिक्कत हो सकती है. आप कह सकते हैं कि मुझे एक कौर चावल-रसम ही दे दो. यानी आपको वहाँ एडजस्ट होने में मुश्किल होगी. इसी तरह, बिना किसी जान-पहचान के, उस व्यक्ति के बारे में कुछ भी जाने बिना, सिर्फ़ शारीरिक आकर्षण के कारण, आगे क्या होगा, यह सोचे बिना ही शादी से पहले यौन संबंध बनाने से पूरा डीएनए एक्सचेंज हो जाता है. आप उस व्यक्ति के कर्मों को भी अपने साथ ले लेते हैं. अगर वहाँ बुरे कर्म हैं, तो आपको भी बुरा ही होगा. इसलिए अपनी ऊर्जा में किसी और की ऊर्जा को शामिल करते समय सावधान रहना चाहिए.
इसी दौरान, सौजन्य ने पानी की ऊर्जा के बारे में भी बात की. एक ही बोतल या एक ही गिलास से अलग-अलग लोगों का पानी पीना भी गलत है, ऐसा उन्होंने कहा. अगर आप पहले के लोगों को देखें, तो आपको पता चलेगा. वे पानी पीने के लिए अपनी अलग व्यवस्था रखते थे. एक ही बोतल का पानी किसी और का पीना सही नहीं है. इससे एक व्यक्ति की ऊर्जा दूसरे को चली जाती है, ऐसा सौजन्य ने कहा.