सार
नई मां बनना एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण सफर होता है। इस दौरान नई मम्मी को न केवल फिजिकल बल्कि इमोशनल सपोर्ट की भी जरूरत होती है। हस्बैंड का साथ और समझदारी इस दौर को आसान बना सकती है। अक्सर बहुत सी महिलाएं परिवार और पति के सपोर्ट न मिलने, काम की जिम्मेदारी और मेंटल सपोर्ट की कमी के कारण पोस्ट पार्टम डिप्रेशन में चली जाती हैं। ऐसे में पार्टनर का प्यार और सपोर्ट उन्हें डिप्रेशन में जाने से बचा सकता है।
डिलीवरी के बाद हसबैंड ऐसे करें वाइफ को सपोर्ट
1. घर के कामों में मदद करें
- मां बनने के बाद महिलाओं के लिए घर के काम संभालना मुश्किल हो सकता है।
- डाइपर बदलने, खाना बनाने या कपड़े धोने में मदद करें।
- रात में बच्चे को संभालने की जिम्मेदारी भी लें ताकि वह आराम कर सके।
- इससे नई मम्मी को आराम मिलेगा और वह जल्दी रिकवर कर पाएंगी।
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2. इमोशनल सपोर्ट दें
- नई मां बनने के बाद महिलाएं अक्सर तनाव, डर और पोस्टपार्टम डिप्रेशन का सामना करती हैं।
- उनकी भावनाओं को समझें और उनसे खुलकर बात करें।
- उन्हें बताएं कि वे अकेली नहीं हैं और आप हर पल उनके साथ हैं।
- उनके प्रयासों की सराहना करें और प्यार भरे शब्द कहें।
- बच्चे के अलावा उन्हें भी प्रायोरिटी दें, ताकि उन्हें ये न लगे कि बच्चे के सामने उनकी एहमियत कम हो गई है।
3. उनके लिए "मी टाइम" प्लान करें
- मां बनने के बाद महिलाएं अक्सर अपनी इच्छाओं और आराम को नजरअंदाज कर देती हैं।
- उनकी पसंदीदा किताब, मूवी, या कुकिंग का समय दें।
- बच्चे की देखभाल का जिम्मा थोड़ी देर के लिए खुद लें।
4. फिजिकल हेल्थ का ध्यान रखें
डिलीवरी के बाद महिलाओं का शरीर बहुत कमजोर हो जाता है।
क्या करें:
- उनके लिए पौष्टिक खाना बनाएं।
- डॉक्टर से चेकअप का ध्यान रखें और हेल्थ रिकवरी में मदद करें।
- उन्हें आराम करने के लिए प्रेरित करें।
5. तारीफ करें और आत्मविश्वास बढ़ाएं
- नई मां अक्सर खुद को लेकर असुरक्षित महसूस कर सकती हैं।
- उनके नए रोल की तारीफ करें और उन्हें बताएं कि वह एक बेहतरीन मां हैं।
- उनकी छोटी-छोटी उपलब्धियों को भी सराहें।
6. बच्चे की जिम्मेदारी शेयर करें
- बच्चे की देखभाल सिर्फ मां की जिम्मेदारी नहीं है।
- बच्चे को सुलाने, खिलाने या डॉक्टर के पास ले जाने में मदद करें।
- पेरेंटिंग की जिम्मेदारी को टीमवर्क के रूप में निभाएं।
7. धैर्य और समझदारी दिखाएं
- नई मां बनने के बाद मूड स्विंग्स आम बात हैं।
- उनके गुस्से या चिड़चिड़ेपन को समझदारी से संभालें।
- धैर्यपूर्वक उनकी परेशानियों को सुनें और उसका हल निकालें, भूलकर भी उनके गुस्से या चिड़चिड़ेपन पर रिएक्ट करें।
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8. प्रैक्टिकल मदद करें
- नई मां को दिन-प्रतिदिन की चीजों में मदद की जरूरत होती है।
- ग्रोसरी शॉपिंग, घर के काम में मदद, बच्चे के देखभाल में मदद, बच्चे की दवाइयां लाने या डॉक्टर की अपॉइंटमेंट्स संभालने जैसे काम खुद करें।
9. अपने रिश्ते को भी समय दें
- माता-पिता बनने के साथ-साथ पति-पत्नी का रिश्ता भी महत्वपूर्ण है।
- आप डेट प्लान करें या साथ में समय बिताने की कोशिश करें।
- उनके साथ अपनी भावनाओं को भी शेयर करें।