सार
How to balance career with parenting: अक्सर वर्क प्रेशर की वजह से हम बच्चों पर फोकस नहीं कर पाते हैं। जिसकी वजह से खुद से नाखुश भी रहते हैं। ये सही है कि करियर और पेरेंटिंग की जिम्मेदारियों को साथ निभाना आसान नहीं है। लेकिन हम दोनों में से किसी एक को चुन नहीं सकते हैं। साथ में मिलाकर चलना होगा। तो सवाल है कि ऐसा क्या करें जिससे दोनों भूमिकाओं में खरे उतरें। तो चलिए बताते हैं 7 आसान मंत्र जो को सही संतुलन बनाने में मदद कर सकते हैं।
1. “फैमिली विज़न स्टेटमेंट” बनाएं
जिस तरह कंपनियों का एक विज़न होता है, उसी तरह परिवार का भी एक विज़न आप बना सकते हैं। अपने पार्टनर और बच्चों के साथ बैठकर चर्चा करें। आपके लिए सबसे जरूरी क्या है। हर वीकेंड आप अपने बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम गुजारने की प्लानिंग करें। एक साफ विजन होने की वजह से आपका ध्यान इधर-उधर भटकेगा नहीं।
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2. माइक्रो-पेरेंटिंग मोमेंट्स अपनाएं
बच्चों से जुड़ने के लिए हमेशा घंटों समय निकालना जरूरी नहीं होता। छोटी-छोटी लेकिन गहरी बातचीत करें। नाश्ते के दौरान हल्की चर्चा, ऑफिस जाने से पहले एक प्यार भरी झप्पी, या सोने से पहले 5 मिनट का कोई छोटा सा रिचुअल। ये छोटे-छोटे पल आपके बच्चे के साथ आपके रिश्ते को मजबूत बनाने में अहम योगदान देते हैं।
3. जरूरत पड़ने पर मदद लें
हर काम खुद करने की जरूरत नहीं है। परिवार के सदस्यों या दोस्तों से मदद मांगने में कोई बुराई नहीं है, फिर चाहे वह किराने का सामान लाने, बेबीसिटिंग करने या खाने की तैयारी करने में हो। इससे आपका कीमती समय बचेगा, जिसे आप अपने परिवार या खुद की देखभाल के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
4. वर्कप्लेस पेरेंटिंग सुविधाओं का लाभ उठाएं
आजकल कई कंपनियाँ माता-पिता के अनुकूल सुविधाएं देती हैं, जैसे डेकेयर, पेरेंटल लीव और काउंसलिंग सेवाएं। इनका पूरा फायदा उठाएं, क्योंकि ये आपकी मदद के लिए ही बनाई गई हैं। अपने ऑफिस में अन्य माता-पिता से जुड़ें, उनके अनुभवों और सुझावों से सीखें, और एक सपोर्ट सिस्टम तैयार करें।
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5. बच्चों को छोटे-छोटे निर्णयों में शामिल करें
बच्चे परिवार का हिस्सा होते हैं और वे फैसले लेने में शामिल होना पसंद करते हैं। वीकेंड के खाने की प्लानिंग हो या फैमिली आउटिंग, उन्हें भी डिसिजन लेने दें। इससे वे न केवल खुद को अहम महसूस करेंगे बल्कि डिसिजन लेने की क्षमता भी विकसित होगी।
6. “फोकस आवर्स” तय करें
कुछ समय के लिए पूरी तरह से बिना किसी रुकावट के काम और पेरेंटिंग करने के लिए "फोकस आवर्स" तय करें। जैसे, शाम के दो घंटे तय करें जब ऑफिस का कोई काम न हो और पूरा ध्यान सिर्फ परिवार पर हो। इसी तरह, दिन में कुछ घंटे ऐसे रखें जब आप बिना किसी व्यवधान के अपने काम पर ध्यान फोकस कर सकें।इससे प्रोडक्टिविटी भी बढ़ेगी और पर्सनल लाइफ भी बैलेंस रखें।
7.खुद के लिए भी समय निकालें
बैलेंस बनाए रखने के लिए यह जरूरी है कि आप खुद का भी ख्याल रखें। खुद को प्रॉयरिटी देने में कोई बुराई नहीं है। चाहे वह कुछ मिनट का ब्रेक लेना हो, योग करना हो या किसी हॉबी का आनंद लेना हो।