सार

बच्चों को अनुशासित बनाने के लिए डांटना-मारना नहीं, प्यार और समझदारी ज़रूरी है। ये 5 तरीके बच्चों को बिना किसी सजा के अनुशासित बना सकते हैं।

बच्चों को अनुशासन सिखाने के लिए डांटना या मारना जरूरी नहीं। सही तरीके से प्यार और समझदारी के साथ उन्हें सही दिशा दी जाए तो वे खुद अनुशासित बन सकते हैं। बच्चों को अनुशासन सिखाना एक चुनौतीपूर्ण काम हो सकता है, लेकिन सही तरीके अपनाए जाएं तो यह आसान और प्रभावी हो जाता है। डांटने-मारने से नहीं, बल्कि सही दिशा दिखाने से बच्चे बेहतर सीखते हैं। यहाँ 5 बेहतरीन तरीके बताए गए हैं, जो बच्चे को अनुशासन सिखाने में आपकी मदद करेंगे।

बच्चे को अनुशासन सिखाने के 5 बेहतरीन तरीके

View post on Instagram
 

1.सकारात्मक प्रोत्साहन (Positive Reinforcement)

  • जब बच्चा अच्छा व्यवहार करता है, तो उसकी सराहना करें।

कैसे करें?

  • "बहुत अच्छे! तुमने अपने खिलौने खुद से समेट लिए!" कहकर उसकी तारीफ करें।
  • एक छोटा इनाम (स्टार, स्टिकर, या एक एक्स्ट्रा कहानी पढ़ना) दें।
  • जब बच्चा दूसरों की मदद करे या अच्छा व्यवहार दिखाए, तो उसे बताएं कि इससे उसे कितना फायदा होगा।
  • इससे बच्चा खुद को महत्वपूर्ण महसूस करेगा और बार-बार अच्छा व्यवहार करने की कोशिश करेगा।

इसे भी पढ़ें: What to do When a Child Lies: झूठ पकड़ा गया! अगली बार आपका बच्चा कभी नहीं बोलेगा झूठ, बस कहें ये 5 बातें

2. स्वाभाविक परिणाम (Natural Consequence)

  • बच्चे को अपनी गलतियों का वास्तविक परिणाम समझने दें, ताकि वह खुद सीखे।
  • हर बार उन्हें रोकना या डांटना जरूरी नहीं, कभी-कभी उन्हें अपने किए का असर देखने देना चाहिए।

कैसे करें?

  • अगर बच्चा अपना टिफिन स्कूल में नहीं खाता, तो उसे भूख लगने पर खुद समझ आएगा कि खाना खाना जरूरी है।
  • अगर बच्चा अपनी चीजें नहीं संभालता और कोई चीज टूट जाती है, तो अगली बार वह ज्यादा ध्यान देगा।
  • बच्चे में जिम्मेदारी की भावना बढ़ेगी और वह खुद से सीखने लगेगा।

इसे भी पढ़ें: बच्चों को बिना डांटे-पीटे कैसे Discipline में रखें? ये हैं कुछ काम के टिप्स

3. ध्यान भटकाना (Redirection)

  • जब बच्चा गलत व्यवहार कर रहा हो, तो उसे किसी और चीज में व्यस्त कर दें ताकि वह बुरी आदत छोड़ सके।
  • यह तरीका खासतौर पर छोटे बच्चों के लिए कारगर होता है।

कैसे करें?

  • अगर बच्चा रोकर जिद कर रहा है, तो उसे कोई मजेदार गतिविधि या नई चीज दिखाएं।
  • अगर बच्चा दीवारों पर रंग भरने लगे, तो उसे एक ड्रॉइंग बुक और रंग देने का सुझाव दें।
  • अगर दो बच्चे झगड़ रहे हैं, तो उनका ध्यान किसी खेल या कहानी की ओर मोड़ें।
  • बच्चा बिना किसी जबरदस्ती के गलत आदत छोड़ देता है और सही आदतें अपनाने लगता है।

4. 'टाइम-इन' अपनाएं, 'टाइम-आउट' नहीं (Time-in Instead of Time-out)

  • टाइम-आउट (Time-out) का मतलब होता है बच्चे को अकेले छोड़ देना, जो उसे अलग-थलग महसूस करवा सकता है।
  • इसके बजाय टाइम-इन (Time-in) अपनाएं, जिसमें आप उसके साथ बैठकर उसे समझाएं।

कैसे करें?

  • अगर बच्चा बहुत गुस्से में है, तो उसे डांटने की बजाय (बच्चे को डांटने-मारने की बजाय) उसके पास बैठें, उसे गले लगाएं और प्यार से बात करें।
  • जब बच्चा गलत करे, तो उसे समझाएं कि उसने क्या किया और उसे क्या करना चाहिए था।
  • बच्चा अगर बहुत परेशान या चिढ़ा हुआ हो, तो उसके साथ बैठकर शांतिपूर्वक बात करें।
  • बच्चा खुद को अकेला महसूस नहीं करेगा और अपनी भावनाओं को सही तरीके से संभालना सीखेगा।

5. स्पष्ट और स्थायी नियम (Clear and Consistent Boundaries)

  • बच्चों के लिए नियम स्पष्ट करें और उन्हें बार-बार बदलें नहीं।
  • अगर किसी चीज़ की अनुमति नहीं है, तो हमेशा न ही कहें, बार-बार नियम बदलने से बच्चा भ्रमित हो सकता है।

कैसे करें?

  • अगर आपने कहा है कि सोने का समय रात 9 बजे है, तो इसे हर दिन बनाए रखें।
  • अगर बच्चा घर का काम पूरा किए बिना खेलने जाने की जिद करता है, तो उसे प्यार से बताएं कि पहले पढ़ाई, फिर खेल।
  • बच्चों के साथ नियम बनाएं और उन पर अमल करें।
  • बच्चे को अनुशासन और ज़िम्मेदारी का अहसास होगा और वह नियमों का पालन करना सीखेगा।