सार
Worship rules for women during menstruation:अगर एकादशी के दिन पीरियड्स आ जाए तो महिलाएं कैसे पूजा करें इसके बारे में आचार्य अनिरुद्धाचार्य ने बनाता है। आइए जानते हैं।
Menstruation and religious rituals on Ekadashi: एकादशी करने का महत्व बहुत माना जाता है। ज्यादातर हिंदू महिलाएं महीने में एक या दो एकादशी करना पसंद करती हैं। भगवान विष्णु का इस दिन पूजा होता है। लेकिन अक्सर महिलाओं को लगता है कि पीरियड्स की वजह से उनका पूजा अधूरा रह गया। क्योंकि महीने में 2 एकादशी व्रत (Ekadashi Varat) आते हैं और इस दौरान पीरियड्स आ ही जाते हैं। महिलाओं का अक्सर ये धार्मिक गुरुओं से सवाल होता है कि पीरियड्स के दौरान पूजा कैसे करें।
कथावाचकर आचार्य अनिरुद्धाचार्य (aniruddhacharya ji) ने बताया कि मासिक धर्म का आना प्राकृतिक क्रिया है। इसे रोका नहीं जा सकता है। एकादशी के दिन जब मासिक धर्म आए तो सिर्फ मूर्ति को स्पर्श ना करें। बाकी के पूजा-पाठ वैसे ही करें। मन में भगवान का ध्यान करें और मंत्रों का जप करें। यह भी उतना ही प्रभावी माना जाता है।
1. हाथ जोड़कर प्रार्थना करें
मासिक धर्म में मूर्ति या पूजा स्थल को स्पर्श नहीं करना चाहिए। दूर से ही हाथ जोड़कर भगवान का स्मरण करें और अपनी श्रद्धा व्यक्त करें।
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2. व्रत और नियमों का पालन करें
अगर आप एकादशी व्रत रख रही हैं, तो बिना किसी कठिनाई के अपना व्रत जारी रख सकती हैं। फलाहार और नियमों का पालन करते हुए व्रत को पूरा करें।
3. भजन और कीर्तन करें
अगर आप मंदिर नहीं जा सकतीं, तो घर पर रहकर भजन, कीर्तन या भगवान के नाम का संकीर्तन करें। इससे भी आपको आध्यात्मिक शांति मिलेगी।
4. किसी और से पूजा करवाएं
यदि संभव हो, तो परिवार के किसी अन्य सदस्य से मूर्ति की पूजा, भोग अर्पण या कथा-पाठ करवाएं। इस तरह आप दूर रहकर भी पूजा का हिस्सा बन सकती हैं।
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5. दान और सेवा करें
पीरियड्स के दौरान अगर आप पूजा में शामिल नहीं हो पा रही हैं, तो गरीबों को भोजन या जरूरतमंदों को दान देना भी पुण्य का कार्य माना जाता है। अगर आप चाहें, तो बिना छुए ही श्रीमद्भगवद गीता, रामायण या विष्णु सहस्रनाम का पाठ कर सकती हैं।