सार
Ladakh potato storage method: लद्दाख में आलू को 7 फीट गहरे गड्ढे में 6 महीने तक दबाकर रखते हैं। यह पुरानी परंपरा सर्दियों में भोजन की कमी से बचने का अनोखा तरीका है।
Traditional potato preservation Ladakh: लद्दाख जैसे ठंडे और कठिन भौगोलिक क्षेत्र में लोग कई पारंपरिक और अनोखे तरीके अपनाते हैं ताकि वे कठिन मौसम में भी अपनी जरूरत की चीजें सुरक्षित रख सकें। क्या आपको पता है कि यहां आलू को 7 फीट गहरे गड्ढे में 6 महीने तक दबाकर रखा जाता है? आज के इस लेख में हम आपको आलू को सात फीट गड्ढे में क्यों रखते हैं इसके बारे में बताएंगे। यह परंपरा लद्दाख की पुरानी परंपरा में से एक है, जो आज भी चली आ रही है। आइए विस्तार से समझते हैं कि लद्दाख में ऐसा क्यों किया जाता है...
लद्दाख में आलू को गड्ढे में दबाने की वजह क्या है?
भीषण सर्दियों में खाने का संकट न हो
लद्दाख में नवंबर से मार्च तक बर्फबारी और तापमान -20°C तक गिर जाता है। इस दौरान सड़कें बंद हो जाती हैं और सब्जियों की सप्लाई रुक जाती है। इसलिए लोग गर्मियों में ही आलू को स्टोर करके रखते हैं ताकि सर्दियों में भोजन की कमी न हो।
7 फीट गहरा गड्ढा – प्राकृतिक कोल्ड स्टोरेज
जमीन के अंदर तापमान स्थिर और कम रहता है, जिससे आलू न सड़ते हैं और न ही अंकुरित होते हैं। गड्ढा गहरा रखने से आलू बर्फ से भी सुरक्षित रहते हैं और लंबे समय तक ताजे बने रहते हैं। यह गड्ढा एक तरह से प्राकृतिक फ्रिज की तरह काम करता है।
बिजली की कमी में बेहतरीन स्टोरेज उपाय
लद्दाख के कई इलाकों में बिजली की कमी रहती है और कोल्ड स्टोरेज जैसी सुविधाएं हर जगह नहीं हैं। इसलिए लोग पारंपरिक ज्ञान के ज़रिए गड्ढों का उपयोग करते हैं।
नमी और सड़न से बचाने के लिए खास तरीका
गड्ढे में नीचे सूखी घास या भूसा बिछाया जाता है, फिर आलू की परतें डाली जाती हैं और ऊपर से फिर मिट्टी और घास से ढक दिया जाता है। इससे आलू नमी से बचे रहते हैं और खराब नहीं होते।
100% इको-फ्रेंडली और जीरो कॉस्ट स्टोरेज
ना बिजली का खर्च, ना मशीन की ज़रूरत – यह तरीका पूरी तरह इको-फ्रेंडली और किफायती है। यही वजह है कि पीढ़ियों से लद्दाखी परिवार इसे अपनाते आ रहे हैं।
सिर्फ आलू ही नहीं – दूसरी सब्जियों को भी रखते हैं
लद्दाख में गाजर, मूली, शलगम जैसी दूसरी सब्जियों को भी इसी तरह के गड्ढों में स्टोर किया जाता है ताकि पूरा विंटर सीजन बिना परेशानी के निकाला जा सके।