सार
How to choose sunscreen for Indian skin: सूरज की अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणों से त्वचा की रक्षा करने और स्किन कैंसर से लेकर सन टैन तक को रोकने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग फायदेमंद होता है।
The Ultimate Sunscreen Guide: त्वचा संबंधी समस्याओं को रोकने और त्वचा के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए रोजाना सनस्क्रीन लगाना महत्वपूर्ण है। खासकर गर्मियों में बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का इस्तेमाल जरूर करना चाहिए। सूरज की अल्ट्रावायलेट (यूवी) किरणों से त्वचा की रक्षा करने और स्किन कैंसर से लेकर सन टैन तक को रोकने के लिए सनस्क्रीन का उपयोग फायदेमंद होता है।
मौसम कोई भी हो, सनस्क्रीन का उपयोग करना सबसे महत्वपूर्ण है। किसी भी सनस्क्रीन के बजाय, हमें अपनी त्वचा के अनुकूल सनस्क्रीन चुननी चाहिए। केमिकल सनस्क्रीन, फिजिकल सनस्क्रीन, क्रीम सनस्क्रीन, मिनरल सनस्क्रीन, इत्यादि कई तरह के सनस्क्रीन उपलब्ध हैं। हमें अपनी त्वचा के प्रकार को समझकर सनस्क्रीन चुननी चाहिए। मिनरल एक्टिव तत्वों वाली सनस्क्रीन का उपयोग करना सुरक्षित और अधिक प्रभावी होता है। रूखी त्वचा और तैलीय त्वचा वालों के लिए बाजार में विशेष प्रकार के सनस्क्रीन उपलब्ध हैं।
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किसके लिए SPF 30+
चेहरे पर सनस्क्रीन लगाने से पहले, इसे हाथ पर लगाकर एलर्जी की जांच कर लेनी चाहिए। अपनी त्वचा के प्रकार के अनुसार मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल पहले करें। उसके बाद ही सनस्क्रीन लगानी चाहिए। सनस्क्रीन लगभग चार घंटे तक सुरक्षा प्रदान करती है। इसलिए, इसके बाद इसे दोबारा लगाना चाहिए। तैलीय त्वचा वालों के लिए जेल टाइप सनस्क्रीन बेहतर होता है। रूखी त्वचा वालों को क्रीम वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना चाहिए। जिन लोगों को तेज धूप नहीं लगती, उन्हें SPF 30+ का उपयोग करना चाहिए।
50+ SPF वाली सनस्क्रीन का क्या यूज?
अगर धूप ज्यादा लगती है, तो 50+ SPF वाली सनस्क्रीन का इस्तेमाल करना उचित है। सनस्क्रीन को केवल चेहरे पर ही नहीं, बल्कि गर्दन और चाहें तो हाथों पर भी लगाना चाहिए। सनस्क्रीन सनबर्न को रोकने और मेलेनोमा सहित त्वचा कैंसर के खतरे को कम करने में मदद करती है। इसके अलावा, सनस्क्रीन त्वचा की महीन रेखाओं और झुर्रियों को कम करने में भी मदद करती है।