Wed, 16 Jul, 2025 IST
hindi
MalayalamNewsableKannadaKannadaPrabhaTeluguTamilBanglaMarathiMyNation
Follow us on
  • whatsapp
  • YT video
  • Facebook
  • insta
  • Twitter
Download App
  • राष्ट्रीय
  • वेब स्टोरी
  • राज्य
  • मनोरंजन
  • लाइफस्टाइल
  • बिज़नेस
  • खेल
  • फोटो
  • गेम्स
  • वीडियो
  • वायरल
  • ज्योतिष
  • Home
  • Lifestyle
  • Lifestyle Articles
  • श्रीकृष्ण का ज्ञान: एक सच्ची कहानी जो सोच और जीवन पलट देगी

श्रीकृष्ण का ज्ञान: एक सच्ची कहानी जो सोच और जीवन पलट देगी

Power of Positive Attitude: महाभारत को भारतीय बहुत सम्मान देते हैं। कहते हैं, जीवन में घटने वाली हर बात महाभारत से जुड़ी है। श्रीकृष्ण ने सकारात्मक सोच के बारे में कितनी अच्छी तरह बताया है, यह जानकर आपकी सोच बदलना तय है।  

2 Min read
Shivangi Chauhan
Published : Mar 01 2025, 06:26 PM IST
Share this Photo Gallery
  • FB
  • TW
  • Linkdin
  • Whatsapp
  • Google NewsFollow Us
13

एक दिन दुर्योधन और धर्मराज, श्रीकृष्ण के पास जाते हैं। दुर्योधन, कृष्ण से कहता है, 'मेरे सौ भाई हैं। मैं सबका सहारा हूं। धर्मराज अपने भाइयों पर निर्भर हैं। उनसे उनके भाइयों का सिर्फ नुकसान हुआ है, फ़ायदा नहीं। जुआ बुरा है, यह जानकर मैंने खुद नहीं खेला, अपने मामा से खेलवाया। वहीं धर्मराज ख़ुद जुए में उतरे, और अपनी पत्नी को भी दांव पर लगा दिया। फिर भी सब धर्मराज को ही अच्छा कहते हैं। आख़िर क्यों?' 
 

23

कृष्ण जवाब देते हैं, 'मैं उत्तर दूँगा, पर पहले तुम दोनों एक काम करोगे?' दोनों हाँ कहते हैं। कृष्ण, दुर्योधन से कहते हैं, 'जाओ, अपने से अच्छे पाँच लोगों को लाओ।' और धर्मराज से कहते हैं, 'जाओ, अपने से बुरे पाँच लोगों को लाओ।' और उन्हें भेज देते हैं। 

250 के प्रिंटेड कॉटन ब्लाउज, Daily Wear के लिए बेस्ट डील

शाम को दोनों खाली हाथ लौटते हैं। कृष्ण, दुर्योधन से पूछते हैं, 'क्या हुआ? किसी को क्यों नहीं लाए?' दुर्योधन कहता है, 'मुझसे अच्छा कोई नहीं मिला। सबमें मुझसे भी कोई न कोई बुराई दिखी। इसलिए खाली हाथ आया हूँ।' धर्मराज कहते हैं, 'मैंने अपने से बुरे लोगों को ढूँढा, पर कोई नहीं मिला। सबमें कोई न कोई अच्छाई दिखी। इसलिए किसी को नहीं लाया।'

33

यह सुनकर कृष्ण कहते हैं, 'देखा दुर्योधन, तुमने लोगों में बुराई देखी, इसलिए कोई नहीं मिला। धर्मराज ने लोगों में अच्छाई देखी, इसलिए वे धर्मराज कहलाए, लोग उनकी प्रशंसा करते हैं। यही तुम दोनों में अंतर है।' दुर्योधन को बात समझ आ जाती है। 

सीख: आजकल समाज में नकारात्मकता बढ़ रही है। हर जगह गलतियाँ ढूँढने वाले ज़्यादा हैं। इसलिए सकारात्मक सोच ज़रूरी है। हर व्यक्ति में कोई न कोई अच्छाई होती है। उसे पहचानें, तो क्रोध और ईर्ष्या जैसे भाव नहीं रहेंगे, यही इस कहानी का संदेश है। 

गर्मी में टमाटर की महंगाई नहीं रुलाएगी, फेमस गार्डनर एक्सपर्ट Monty Don से सिखें गमले में उगाना

About the Author

Shivangi Chauhan
Shivangi Chauhan
शिवांगी चौहान। 2016 से पत्रकारिता की शुरुआत। मीडिया जगत में 9 साल का अनुभव। 2023 से एशियानेट न्यूज हिंदी से जुड़ीं। राइटिंग स्किल में खासतौर पर लाइफस्टाइल डेस्क, फैशन, एंटरटेनमेंट, फूड, ट्रेंडिंग और हेल्थ से जुड़े मुद्दों पर लिखने में दिलचस्पी। इससे पहले टाइम्स नाउ नवभारत और दैनिक भास्कर जैसे कई मीडिया संस्थानों के साथ काम करते हुए इनके पास डिजिटल मीडिया, टीवी न्यूज चैनल फॉर्मेट्स, अखबार और वेब स्टोरी डेस्क का अच्छा अनुभव है। इनसे shivangi.chauhan@asianetnews.in पर संपर्क किया जा सकता है। पत्रकारिता और योग में इन्होंने डबल MA किया हुआ है।
 
Recommended Stories
Related Stories
Asianet
Follow us on
  • whatsapp
  • YT video
  • Facebook
  • insta
  • Twitter
  • Andriod_icon
  • IOS_icon
  • About Us
  • Terms of Use
  • Privacy Policy
  • CSAM Policy
  • Complaint Redressal - Website
  • Compliance Report Digital
  • Investors
© Copyright 2025 Asianxt Digital Technologies Private Limited (Formerly known as Asianet News Media & Entertainment Private Limited) | All Rights Reserved