सार
Prayagraj Kumbh Mela: कुंभ मेला के दौरान प्रयागराज आ रहे हैं? त्रिवेणी संगम के अलावा, श्रृंगवेरपुर, अक्षय वट, खुसरो बाग जैसी इन खूबसूरत जगहों को भी ज़रूर देखें।
ट्रैवल डेस्क। प्रयागराज का नाम इन दिनों हर किसी के जुबान पर है। आखिर हो भी क्यों न। यहां पर महाकुंभ का आयोजन जो किया है। 14 जनवरी को ढेड़ करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु ने संगम में आस्था की डुबकी लगाई। कुंभ भेला 26 फवरी तक चलेगा। ऐसे में अगर आप भी परिवार के साथ प्रयागराज आने की सोच रहे हैं तो कुंभ मेला के साथ इन जगहों को भी जरूर एक्सप्लोर करें।
1) श्रृंगवेरपुर गांव
श्रृंगवेरपुर गांव ऑफबीट डेस्टिनेशन है। जो शहर मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर स्थित है। मान्यताओं के अनुसार यहां पर भगवान राम ने वनवास के दौरान गंगा नदी को पार किया था। यहां पर आपको गांव के प्राचीन खंडहर, निषाषराज को समर्पित मंदिर मिलेगा। क्राउड से दूर रहना है तो यहां आ सकते हैं।
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2) समुद्र कूप
प्रयागराज स्थित समुद्र कुआं आनंद भवन के पास स्थित है। ये कुआं पौराणिक महासागर से जुड़ा हुआ बताया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, ये कुआं समुद्र मंथन के दौरान बनाया गया था। जिस वजह से आज भी लोग इसे देखने आते हैं।
3) उल्टा किला
शहर के दासगंज में स्थित उल्टा किला अपना रहस्यमयी वास्तुकला के जाना जाता है। इसे विपरीत तरीके बनाया गया है। अगर आप कुछ अलग देखना चाहते हैं तो यहां आ सकते हैं। ये जगह अक्सर इतिहास प्रेमियों को बहुत पसंद आती है।
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4) खुसरो बाग
प्रयागराज में मुगल काल में बनाया गया खुसरो बाग पर्यटकों की पहली पसंद है। यहां पर जटिल वास्तुकला के साथ शांतिपूर्ण वक्त बिता सकते हैं। यहां पर कई तरह के दुर्लभ फूलों की प्रजातियां भी देख सकते हैं।
5) भारद्वाज आश्रम
प्रयागराज किला घूमने आ रहे हैं तो भारद्वाज आश्रम घूमना न भूलें। यह वो स्थान है जहां जहां महर्षि भारद्वाज रहते थे और शिक्षा देते थे। यह आध्यात्मिक महत्व और समृद्ध इतिहास वाला एक शांतिपूर्ण स्थान है।
6) नागवासुकी मंदिर
शहर के दारागंज में स्थित यह मंदिर नाग राजा वासुकी को समर्पित है। ये जगह ऑफबीट जगहों में से एक हैं। नाग पंचमी के दिन यहां पर विशेष मेले का आयोजन किया जाता है।
7) पातालपुरी मंदिर और अक्षय वट
प्रयागराज किले के भीतर स्थित,पातालपुरी मंदिर एक मंदिर है जिसमें पवित्र अक्षय वट (अमर बरगद का पेड़) है। यह छुपा हुआ रत्न आध्यात्मिकता और इतिहास का मिश्रण है।
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