बॉर्डर पर तनाव के बीच घर में सुरक्षा कैसे करें? जानिए ज़रूरी टिप्स जिससे आप पाकिस्तान बॉर्डर के नजदिक होते हुए भी अपने और अपने परिवार की रक्षा और सुरक्षा कर सकते हैं।
War Zone Saftey Tips: पहलगाम हमला और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव का माहौल है, इस स्थिति में देशवासियों की सुरक्षा के लिए सैन्य बल ब्लैक आउट कर रहा है, खास कर बॉर्डर के करीबी क्षेत्रों में सुरक्षा के कड़े नियम बनाए गए हैं, ताकि एक भी मासूम की जान पाकिस्तानी गोलीबारी, ड्रोन और साजिश का शिकार न बने। जब बॉर्डर एरिया या संवेदनशील इलाकों में गोलीबारी, ड्रोन से फायरिंग या ब्लैकआउट जैसे हालात हो रहे हैं, तब जान की सुरक्षा सबसे पहली प्राथमिकता बन जाती है। ऐसे संकट की घड़ी में आप जितना शांत और तैयार रहेंगे, उतना ही परिवार की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है। अगर आप भी बॉर्डर इलाके में हैं, तो इस तरह घर के अंदर अपनी और अपने पूरे परिवार की रक्षा कर सकते हैं। चलिए जानते हैं कि कैसे आप घर के अंदर खुद को सुरक्षित कर सकते हैं।
1. ब्लैकआउट में रोशनी का इस्तेमाल कैसे करें
क्यों लाल पन्नी?
- जब आप मोबाइल या टॉर्च की रोशनी को लाल रंग की पारदर्शी पन्नी से ढकते हैं, तो वह रोशनी तेज नहीं दिखती और दुश्मन की नज़र से बच जाती है।
- यह खासतौर पर ड्रोन सर्विलांस से छिपने में मदद करता है क्योंकि लाल रोशनी को डिटेक्ट करना मुश्किल होता है।
कैसे करें इस्तेमाल?
- मोबाइल, टॉर्च, या किसी भी छोटे लाइट स्रोत को लाल पारदर्शी पन्नी या प्लास्टिक शीट से कवर कर लें और फिर उसका उपयोग करें।
2. लाइट पूरी तरह से कैसे ब्लॉक करें – घर को छुपाइए सुरक्षित बनाइए
खिड़कियों को ढकना जरूरी क्यों?
- ब्लैकआउट के दौरान घर के अंदर की कोई भी रोशनी अगर बाहर जाती है, तो वह ड्रोन या निशानेबाजों को आपका पता बता सकती है।
कैसे करें?
- मोटी चादरें, कंबल या काले पर्दों से खिड़कियों को कसकर ढकें।
- छोटे-छोटे लाइट स्रोत जैसे फ्रिज की लाइट, स्टेबलाइज़र, मोबाइल चार्जर की लाइट, स्क्रीन की ब्राइटनेस भी बंद या कवर करें।
3. गोलीबारी या बमबारी के दौरान घर में सुरक्षित 'झोपड़ी' कैसे बनाएं
क्यों जरूरी है?
- घर के अंदर अगर ऊपर से छत टूटे या दीवार गिरे तो शरीर को सुरक्षा देने के लिए एक सॉफ्ट कोर तैयार करना जरूरी होता है।
कैसे बनाएं?
- घर की सबसे अंदरूनी जगह चुनें जो दरवाजे और खिड़कियों से दूर हो।
- खटिया, टेबल को उल्टा करके उस पर गद्दे और कंबल लगाएं।
- सभी लोग उसके अंदर बैठ जाएं – यह बुलेट या गिरती चीज़ों से सुरक्षा दे सकता है।
- ग्राउंड फ्लोर सबसे सुरक्षित रहता है – ऊपर न जाएं।
4. सीढ़ियों के नीचे या तहखाने में शरण लेना – सही निर्णय
- सीढ़ियों का नीचे वाला हिस्सा अक्सर संरचनात्मक रूप से मजबूत होता है।
- यह शॉक एब्जॉर्बिंग जोन होता है और बम/गोलियों से बेहतर सुरक्षा देता है।
- परिवार को वहीं इकट्ठा करके बैठाएं, जरूरी सामान साथ रखें।
5. शीशे वाली खिड़कियों की सुरक्षा
- गोली या धमाके से शीशा टूटकर शरीर में चुभ सकता है।
क्या करें:
- खिड़कियों को मोटे टेप से “X” या पूरी तरह कवर कर दें।
- अगर संभव हो, तो प्लाईवुड लगाएं ताकि कांच फैलकर नुकसान न पहुंचाए।
6. ‘72 घंटे वाला बैग’ रखें – Emergency Go-Bag
- इस बैग में ऐसा सामान रखें जो 3 दिन तक आपको और परिवार को जीवित रखने के लिए जरूरी हो:
- रेडी-टू-ईट फूड (बिस्किट, एनर्जी बार, सूखे मेवे)
- 5–7 लीटर पानी
- कुछ नकद पैसे, गोल्ड, डॉक्युमेंट्स
- दवाएं, इनहेलर, फीवर/पेन की मेडिसिन
- मोबाइल चार्जर, पावर बैंक, टॉर्च
- छोटे तौलिये, मास्क, सैनिटाइज़र
- एक छोटा रेडियो (बिना इंटरनेट सूचना के लिए)
7. फायरिंग, धमाके के दौरान क्या करें और क्या नहीं करें
- बाहर न निकलें।
- परिवार के साथ तय किए गए सेफ ज़ोन में जाएं (झोपड़ी, सीढ़ी का नीचे वाला हिस्सा)।
- मोबाइल लोकेशन, GPS और डेटा बंद कर दें।
- सोशल मीडिया पर वीडियो, फोटो या कमेंट न करें – ये आपकी पहचान और लोकेशन उजागर कर सकते हैं।
- अनजान लिंक या कॉल से बचें।
8. सेल्फ डिफेंस की तैयारी – महिलाओं और बच्चों के लिए भी
हर परिवार के सदस्य के पास कोई न कोई सेल्फ डिफेंस टूल होना चाहिए:
- पेपर स्प्रे
- चाकू
- हथौड़ा
- बेसबॉल बैट या हॉकी स्टिक
- लाल मिर्च पाउडर
- यदि लाइसेंस है तो गन या तलवार
9. पहचान बनाए रखें – एक जैसा कोई निशान पहनें
- परिवार के सभी लोग एक जैसे रबर बैंड, कपड़े का पट्टा, या कलाईबंद पहनें।
- इससे अगर भीड़भाड़ में कोई बिछड़ जाए तो पहचानने में आसानी हो।