सार
Chaitra Navratri 2025: चैत्र नवरात्रि में वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए मां दुर्गा की मूर्ति उत्तर-पूर्व में स्थापित करें और अखंड ज्योति जलाएं। घी का दीपक जलाने से भी वास्तु दोष दूर होते हैं।
Chaitra Navratri Vastu Tips: नवरात्रि के नौ दिन मां भगवती के सभी नौ स्वरूपों को समर्पित होते हैं। इस दौरान भक्त मां दुर्गा की आराधना में लीन रहते हैं। मान्यता है कि नवरात्रि में मां दुर्गा की पूजा करने से सभी कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामनाएं भी पूरी होती हैं। वहीं अगर किसी व्यक्ति के घर में वास्तु दोष है तो इस दौरान वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए कुछ खास उपाय किए जा सकते हैं। हिंदू धर्म वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है, कहा जाता है कि जो लोग घर बनाते समय वास्तु नियमों की अनदेखी करते हैं उनके घर में वास्तु दोष उत्पन्न होता है।
चैत्र नवरात्रि कब से हो रही शुरू? (When is Chaitra Navratri starting?)
चैत्र नवरात्रि 2025 तिथि हिंदू वैदिक कैलेंडर के अनुसार चैत्र नवरात्रि की शुरुआत यानी प्रतिपदा तिथि 29 मार्च 2025 को शाम 4:27 बजे से शुरू होगी। वहीं तिथि का समापन 30 मार्च को दोपहर 12:49 बजे होगा। उदया तिथि के अनुसार चैत्र नवरात्रि 30 जनवरी 2025 रविवार से शुरू होगी। चैत्र नवरात्रि वास्तु दोष उपाय चैत्र नवरात्रि में घर के वास्तु दोष से मुक्ति पाने के लिए मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें और रोजाना विधि-विधान से पूजा करें। वास्तु शास्त्र में दिशा को बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में घर के उत्तर-पूर्व कोने में मां दुर्गा की मूर्ति स्थापित करें। मान्यता है कि इस दिशा में मूर्ति स्थापित करना शुभ होता है, जिससे मां दुर्गा की कृपा मिलने के साथ ही वास्तु दोष भी दूर होता है।
अखंड ज्योति जलाएं (Light the eternal flame)
चैत्र नवरात्रि में अखंड ज्योति जलाने का विशेष महत्व है। इसे दक्षिण-पूर्व दिशा में रखें। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस उपाय को करने से सभी तरह के दोष दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलती है।
घी का दीपक जलाएं (Light a ghee lamp)
देवी-देवताओं की आरती करते समय घी का दीपक जलाना बहुत शुभ माना जाता है। नवरात्रि में इस दीपक को दाहिने हाथ की ओर रखें। इस उपाय को करने से वास्तु दोष दूर होते हैं और घर में मां दुर्गा का आगमन होता है।
चैत्र नवरात्रि का महत्व (Significance of Chaitra Navratri)
चैत्र नवरात्रि का पर्व चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर अंतिम दिन राम नवमी के साथ समाप्त होता है। यह पर्व एक ओर जहां धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व रखता है, वहीं किसानों के लिए यह फसल की शुरुआत का भी प्रतीक है। नवरात्रि में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है, जो जीवन के विभिन्न पहलुओं में शांति, शक्ति और समृद्धि लाने का काम करते हैं। इन नौ दिनों में भक्त विशेष ध्यान और साधना से अपने जीवन में सकारात्मक बदलाव महसूस करते हैं।