सार
Famous temple of Rajasthan: अजमेर के चामुंडा मंदिर में भक्त पत्थर का घर बनाते हैं। मान्यता है, इससे मनोकामना पूरी होती है। नवरात्रि में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
Ajmer Temple: राजस्थान के कई ऐतिहासिक मंदिर अपने इतिहास के लिए जाने जाते हैं, वहीं कई मंदिर ऐसे भी हैं जो अपनी हस्तकला के लिए दुनियाभर में मशहूर हैं। इसके अलावा यहां कई ऐसे मंदिर स्थित हैं जो अपनी कुछ अनूठी परंपरा और भक्ति के लिए श्रद्धालुओं के आकर्षण का केंद्र हैं। ऐसा ही एक मंदिर राजस्थान के अजमेर जिले के बोराज गांव के पास स्थित अरावली की पहाड़ियों पर बना है। यह मां चामुंडा का ऐतिहासिक और प्राचीन मंदिर है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना 11वीं शताब्दी में सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने की थी, जिसके बाद से यह मंदिर धार्मिक आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।
पत्थर का घर बनाने से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं (All wishes are fulfilled by building a stone house)
स्थानीय निवासी और मंदिर के पुजारी की जानकारी के अनुसार माता चामुंडा के इस मंदिर के बारे में मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां आता है और पहाड़ियों के छोटे-छोटे पत्थरों से प्रतीकात्मक घर बनाता है, माता उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी करती हैं।
1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित है माता का मंदिर (Mata's temple is situated at a height of 1300 feet)
देश-विदेश से भक्त अपनी मनोकामनाएं लेकर माता के दरबार में आते हैं। मनोकामना पूरी होने पर भक्त मां के मंदिर में लाल चुनरी बांधते हैं। ऊंची पहाड़ियों पर स्थित होने के कारण भक्तों में उत्साह देखने को मिलता है। करीब 1300 फीट की ऊंचाई पर स्थित इस मंदिर में माथा टेककर भक्त खुद को धन्य मानते हैं। कई जातियों और समुदायों के लोगों द्वारा मंदिर में माथा टेककर कोई शुभ कार्य करने की परंपरा भी है।
नवरात्रि के नौ दिनों में मंदिर में भक्तों की उमड़ती है भारी भीड़ ( Huge crowds have gathered during the nine days of Navratri)
मंदिर के पुजारी मदन सिंह ने बताया कि मंदिर में आने वाले हर भक्त के दुख मां हर लेती हैं। साथ ही मां के दरबार में माथा टेकने से भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है। इसी कारण हर साल लाखों की संख्या में भक्त मां के दरबार में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। खासकर नवरात्रि के नौ दिनों में मां के भक्तों का तांता लगा रहता है।