Gold Purity Hallmark Check: हॉलमार्क सोने की असली पहचान है। इसके बिना मंगलसूत्र लेना आपके पैसे और भरोसे दोनों के लिए रिस्की साबित हो सकता है। इसलिए मंगलसूत्र खरीदें, तो पहले हॉलमार्क जरूर चेक करें।
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भारत में शादी के बाद मंगलसूत्र पहनना हर सुहागन के लिए सबसे अहम होता है। लेकिन जब बात सोने के मंगलसूत्र की आती है, तो उसकी प्योरिटी और हॉलमार्क जानना बहुत जरूरी हो जाता है। कई बार लोग दुकान से बिना जांचे खरीद लेते हैं और बाद में पछताते हैं। अगर आप भी यही सोच रही हैं कि सोने के मंगलसूत्र पर हॉलमार्क कैसे चेक करें? तो जानिए यहां आसान तरीका।
1. हॉलमार्क क्या होता है?
हॉलमार्क यानी सरकार द्वारा प्रमाणित gold की शुद्धता का निशान। भारत में BIS (Bureau of Indian Standards) हॉलमार्क जारी करती है। ये आपके सोने के गहने की originality को साबित करता है।
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2. सोने के मंगलसूत्र पर हॉलमार्क कहां देखें?
मंगलसूत्र के लॉकेट या चेन के किनारे पर छोटा सा हॉलमार्क नंबर लिखा होता है। इसमें BIS Logo, purity (जैसे – 22K916), जूलरी का कोड और ईयर ऑफ हालमार्किंग (year letter) लिखा होता है। यह निशान बहुत छोटा होता है। आप इसे मैग्नीफाइंग ग्लास (magnifying glass) से भी देख सकती हैं।
3. BIS हॉलमार्क का मतलब क्या होता है?
- BIS Logo (त्रिकोण के अंदर scale) – ये बताता है कि ये hallmark BIS से approved है।
- Purity Mark – जैसे 22K916 का मतलब 22 कैरेट सोना जिसमें 91.6% gold है।
- Jeweller Identification Mark – जिसने ये बनाया उसका कोड।
- Year of Hallmarking – जिस साल hallmark हुआ उसका letter code।
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4. BIS Care App से करें चेक
अगर आपको हॉलमार्क नंबर साफ नहीं दिख रहा, तो BIS Care App डाउनलोड करें। इसमें HUID नंबर डालें (gold पर लिखा unique code)। ये ऐप बता देगा कि आपका मंगलसूत्र रजिस्टर्ड है या नहीं। इससे आपको डिलेट भी मिलेंगे जैसे- कौनसे ज्वेलर ने बनाया, कितने कैरेट है, हॉलमार्क कब हुआ।
5. बिना हॉलमार्क के मंगलसूत्र लेने के नुकसान
- इसकी रीसेल वैल्यू कम मिलती है
- सोने की प्योरिटी में भी गड़बड़ रहती है
- भविष्य में बेचते समय हॉलमार्क जरूरी होता है