World Milk Day 2025: मां का दूध शिशु के लिए सर्वोत्तम होता है। लेकिन एक साल के बाद माएं बच्चे को बाहरी दूध पिलाना शुरू कर देती हैं। उनके मन में अक्सर सवाल बना रहता है कि गाय का दूध या बकरी का कौन उनके बच्चे के लिए फायदेमंद है।

World Milk Day 2025: बच्चे के विकास के लिए सही पोषण सबसे जरूरी होता है। जब बात दूध की आती है, तो अधिकतर माता-पिता गाय और बकरी के दूध के बीच कंफ्यूज हो जाते हैं। दोनों ही दूध हेल्थ के लिए बेहतरीन होते हैं, लेकिन बच्चों के लिए कौन सा परफेक्ट होगा इसे जानना जरूरी है। चलिए, जानते हैं गाय और बकरी के दूध के फायदे, नुकसान और बच्चों के लिए कौन बेहतर है।

गाय का दूध: फायदे और विशेषताएं

गाय का दूध भारत में सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला दूध है और इसे ट्रेडिशनल रूप से संपूर्ण आहार माना जाता है। गाय के दूध पीने के फायेद गाय का दूध कैल्शियम से भरपूर होता है। हड्डियों और दांतों के विकास के लिए फायदेमंद होता है। प्रोटीन का अच्छा सोर्स होता है जो शरीर के संपूर्ण विकास में हेल्पफुल होता है। इसके अलावा विटामिन D और B12 होता है जो ब्रेन और स्किन के लिए फायदेमंद होता है।

गाय के दूध के साइड इफेक्ट

कुछ बच्चों को लैक्टोज इनटॉलरेंस हो सकता है, जिससे पेट में दर्द, गैस या दस्त की समस्या हो सकती है।इसमें मौजूद A1 केसिन प्रोटीन कुछ बच्चों में सूजन या एलर्जी जैसी प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है।

बकरी का दूध: फायदे और विशेषताएं

बकरी का दूध धीरे-धीरे माता-पिता के बीच फेमस हो रहा है, खासकर उन बच्चों के लिए जिन्हें गाय के दूध से एलर्जी होती है।

बकरी के दूध के फायदे

बकरी के दूध को पचाना आसान होता है। इसमें मौजूद फैट की छोटी चेन की वजह से यह बच्चों के लिए अधिक डाइजेस्टिव फ्रेंडली है।A2 केसिन प्रोटीन होने की वजह से यह गाय की तुलना में कम एलर्जेनिक होता है।इसमें कैल्शियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस पाया जाता है जो शरीर के पूरे विकास के लिए जरूरी होता है। लैक्टोज इनटॉलरेंस वाले बच्चों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है।

बकरी के दूध की कमी

हेल्थ के नजरिए से इसमें कोई कमी नहीं हैं, लेकिन बाजार में यह आसानी से नहीं मिलती है। यह काफी महंगा भी होता है।

डॉक्टर की सलाह जरूरी

6 महीने से छोटे शिशुओं को मां का दूध ही सर्वोत्तम होता है। किसी भी प्रकार का गाय या बकरी का दूध देने से पहले बाल रोग विशेषज्ञ से परामर्श लेना जरूरी है, खासकर अगर बच्चा बहुत छोटा हो या किसी एलर्जी से पीड़ित हो।