सार

WHO दक्षिण-पूर्व एशिया ने World Hearing Day 2025 पर सुनने की सेहत को बनाए रखने के लिए 5 महत्वपूर्ण उपाय बताए। जानें hearing loss को रोकने के आसान तरीके।

 

World Hearing Day 2025: विश्व श्रवण दिवस (World Hearing Day) के अवसर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) दक्षिण-पूर्व एशिया ने कानों के स्वास्थ्य (Hearing Health) को लेकर जागरूकता बढ़ाने और सुनने की क्षमता बनाए रखने के लिए पांच महत्वपूर्ण स्ट्रेटेजी साझा किए हैं। अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन के इन पांच सुझावों को अपनाया जाए तो काफी हद तक हम कानों के डॉक्टर से दूर ही रहेंगे।

इन पांच सुझावों से बचा सकते हैं सुनने की क्षमता

आवाज कम रखें: हेडफोन या स्पीकर की आवाज को 60% से कम रखें और अधिक वॉल्यूम से बचें।

इयर प्लग (Ear Plugs) का इस्तेमाल करें: तेज शोर वाले स्थानों जैसे कंसर्ट, निर्माण स्थलों आदि में कानों को बचाने के लिए इयरप्लग पहनें।

नियमित सुनने की जांच कराएं: नवजात शिशु, स्कूल जाने वाले बच्चे और 50 वर्ष से अधिक उम्र के वयस्कों को नियमित रूप से सुनने की जांच करवानी चाहिए।

WHO HearWHO ऐप का इस्तेमाल करें: इस ऐप से सालाना अपनी सुनने की क्षमता की जांच करें। यदि स्कोर 50 से कम आता है, तो डॉक्टर से संपर्क करें।

सहायक तकनीकों (Assistive Technology) का उपयोग करें: जरूरत पड़ने पर सुनने की मशीन (Hearing Aids) और अन्य सहायक उपकरणों का उपयोग करें।

वर्ल्ड हियरिंग डे 2025 की थीम

Changing Mindsets: Empower Yourself to Make Ear and Hearing Care a Reality for All

डब्ल्यूएचओ दक्षिण-पूर्व एशिया की क्षेत्रीय निदेशक सायमा वाजेद (Saima Wazed) ने कहा कि इस साल की थीम के तहत, हम व्यक्तियों, समुदायों और स्वास्थ्य प्रणालियों को बेहतर सुनने की देखभाल के लिए सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने बताया कि हर साल 3 मार्च को विश्व श्रवण दिवस मनाया जाता है ताकि बहरापन (Deafness) और श्रवण क्षमता हानि (Hearing Loss) को रोकने के प्रति जागरूकता बढ़ाई जा सके।

दक्षिण-पूर्व एशिया में बढ़ रही सुनने की समस्या

  • वर्तमान में दुनिया भर में 1.5 अरब से अधिक लोग सुनने की समस्याओं से प्रभावित हैं, जिनमें से 80% निम्न और मध्यम आय वाले देशों में रहते हैं।
  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र में लगभग 40 करोड़ लोग सुनने की समस्याओं से जूझ रहे हैं, और यह संख्या 2050 तक 66 करोड़ तक पहुंच सकती है।

दक्षिण-पूर्व एशिया में हियरिंग हेल्थ को लेकर उठाए गए कदम

म्यांमार: हियरिंग देखभाल को आंखों की देखभाल, बुजुर्गों की देखभाल और मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं के साथ जोड़ा गया है।

भूटान: बच्चों के लिए फ्री हियरिंग टेस्ट और हियरिंग ऐड सेवाएं शुरू की गई हैं।

इंडोनेशिया: स्कूलों में कान और आंख जांच शुरू की गई है।

भारत: सहायक उत्पादों पर प्रशिक्षण के फील्ड टेस्ट किए जा रहे हैं।

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क्यों है आवश्यक?

सायमा वाजेद ने कहा: ये सिर्फ आंकड़े नहीं हैं, बल्कि उन लोगों की ज़िंदगी से जुड़े हैं जिनका रोजगार, शिक्षा, भाषा विकास और मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित होता है। उन्होंने कहा: सरकारों, स्वास्थ्य पेशेवरों, नागरिक समाज और आम जनता को सुनने की देखभाल को प्राथमिकता देनी चाहिए, इससे जुड़े कलंक को तोड़ना चाहिए और इस क्षेत्र में अधिक निवेश का समर्थन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर सुनने की देखभाल को सभी के लिए सुलभ बना सकते हैं।