Diabetes Association and glycemic index Guide: मधुमेह नियंत्रण में ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) की भूमिका महत्वपूर्ण है। जानें कैसे GI आपके ब्लड शुगर को प्रभावित करता है और स्वस्थ जीवनशैली के लिए Low GI खाद्य पदार्थ क्यों जरूरी हैं।

आज के समय में मधुमेह (डायबिटीज़) केवल एक बीमारी नहीं, बल्कि एक वैश्विक चुनौती बन चुका है। लाखों लोग हर दिन इस बीमारी से जूझ रहे हैं और अपनी जीवनशैली में बदलाव लाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन फिर भी एक महत्वपूर्ण पहलू जिसे अधिकतर लोग नजरअंदाज कर देते हैं, वह है ग्लाइसेमिक इंडेक्स यानी हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन का शरीर पर प्रभाव। तो आइए, विस्तार से समझते हैं ग्लाइसेमिक इंडेक्स क्या होता है? यह हमारे शरीर में कैसे काम करता है और खासकर मधुमेह रोगियों के लिए इसकी भूमिका कितनी अहम है।

ग्लाइसेमिक इंडेक्स (GI) क्या है? 

ग्लाइसेमिक इंडेक्स एक न्यूट्रिशन स्केल है जो यह मापता है कि कोई खाद्य पदार्थ शरीर में कितनी तेजी से ग्लूकोज (ब्लड शुगर) में बदलता है। यह स्केल 0 से 100 के बीच होता है, जिसमें:

  • Low GI (0–55): धीरे-धीरे शुगर रिलीज करने वाले खाद्य पदार्थ
  • Medium GI (56–69): मध्यम गति से शुगर रिलीज
  • High GI (70–100): तेजी से शुगर रिलीज – मधुमेह के लिए हानिकारक

GI को ग्लूकोज के मुकाबले मापा जाता है, जिसे 100 का मानक दिया गया है। इसका मतलब यह है कि कोई भोजन जितना ज्यादा GI वाला होगा, वह उतनी ही तेजी से ब्लड शुगर लेवल को बढ़ाएगा।

GI क्यों मायने रखता है? 

जब हम कोई भी कार्बोहाइड्रेट युक्त खाना खाते हैं, तो वह शरीर में पचकर ग्लूकोज में बदल जाता है। यह ग्लूकोज ब्लड में जाकर शरीर को ऊर्जा देता है। लेकिन अगर यह प्रक्रिया तेजी से होती है (High GI), तो ब्लड शुगर लेवल अचानक बहुत बढ़ जाता है, जिससे इंसुलिन स्पाइक होता है और मधुमेह रोगियों के लिए खतरा पैदा हो जाता है। GI का सही गणित समझकर हम यह तय कर सकते हैं कि कौन-सा खाना हमारे लिए सुरक्षित और संतुलित रहेगा।

1. ब्लड शुगर कंट्रोल में सहायक

Low GI वाले खाद्य पदार्थ धीरे-धीरे पचते हैं, जिससे शुगर धीरे-धीरे ब्लड में रिलीज होता है। इससे शुगर लेवल में अचानक बढ़ोतरी नहीं होती और डायबिटीज कंट्रोल में रहती है।

2. इंसुलिन रेसिस्टेंस को कम करेगा 

Low GI डाइट शरीर को धीरे-धीरे और स्थिर मात्रा में शुगर प्रदान करती है, जिससे इंसुलिन संवेदनशीलता (Insulin Sensitivity) बढ़ती है और इंसुलिन रेसिस्टेंस कम होता है।

3. वजन नियंत्रण में मददगार

Low GI फूड्स पेट को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराते हैं, जिससे बार-बार भूख नहीं लगती और अनहेल्दी स्नैक्स की इच्छा कम होती है।

4. दिल और किडनी की सेफ्टी

High GI फूड्स ट्राइग्लिसराइड्स और कोलेस्ट्रॉल बढ़ाते हैं, जिससे दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ता है। Low GI डाइट दिल और किडनी दोनों की रक्षा करती है, जो मधुमेह में बहुत जरूरी है।