डरावनी और वॉइलेंट फिल्में देखने से दिमाग पर पड़ते हैं ये बुरे असर !
डरावने और हिंसक दृश्यों वाली फिल्मों को देखने के नुकसानों के बारे में इस पोस्ट में जानेंगे।
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बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी हिंसा और डरावने दृश्यों से भरपूर फिल्में देखना पसंद करते हैं। एक्शन और हॉरर फिल्मों की बढ़ती लोकप्रियता इसका प्रमाण है। लेकिन ऐसी फ़िल्में उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती हैं।
हिंसक और डरावनी फिल्मों पर हुए एक अध्ययन के अनुसार, ऐसी फिल्में देखने से कई तरह की भावनाएं पैदा होती हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि हिंसक फिल्में देखने से चिंता, तनाव, मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं, गुस्सा और बोलने के तरीके में भी बदलाव आ सकते हैं।
हिंसक और डरावनी वेब सीरीज देखने से कई लोगों में डर और घबराहट पैदा होती है। यह उनके जीवन पर गहरा असर डालता है। इसके अलावा, यह मासिक धर्म चक्र में भी बदलाव ला सकता है और तनाव बढ़ा सकता है।
हिंसक और डरावनी फिल्में देखने से कुछ लोगों में आक्रामकता बढ़ जाती है। इन फिल्मों के प्रभाव से, वे दूसरों पर भी गुस्सा निकालने लगते हैं।
हिंसक और डरावनी फिल्में न केवल मन पर बल्कि दिमाग पर भी नकारात्मक प्रभाव डालती हैं। इससे नींद न आने की समस्या हो सकती है। कुछ लोगों को उनके मन में गहरे बैठे दृश्य बार-बार सपने में आते हैं।