Sugary drink consumption and risk of cancer: रोजाना जूस पीने से डायबिटीज का खतरा? नई स्टडी में 5 लाख लोगों के डेटा से चौंकाने वाले खुलासे। जानें, मीठे जूस सेहत के लिए कितने फायदेमंद और कितने नुकसानदेह।

फल और सब्ज़ियों का रस यानी जूस लंबे समय से सेहत का पर्याय रहा है। बच्चों से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर किसी को इसे हेल्दी डाइट का हिस्सा माना जाता है। लेकिन हाल ही में आई एक नई स्टडी ने यह सोच बदलने की चेतावनी दी है। यह रिसर्च बताता है कि मीठे जूस का अधिक सेवन न केवल टाइप-2 डायबिटीज़ के खतरे को बढ़ाता है, बल्कि यह वजन और ब्लड शुगर को भी तेज़ी से प्रभावित करता है।

नई रिसर्च क्या कहती है? 

500,000 लोगों का डेटा और चौंकाने वाले नतीजे सामने आए हैं। ब्रिघम यंग यूनिवर्सिटी (BYU) और जर्मनी के शोध संस्थानों ने 10 से ज्यादा देशों के 5 लाख से अधिक लोगों के स्वास्थ्य डेटा का विश्लेषण किया। इसमें निष्कर्ष चौंकाने वाले आए हैं। रोजाना 230 ml फ्रूट जूस पीने से टाइप-2 डायबिटीज़ का जोखिम 5% तक बढ़ जाता है। वहीं, 350 ml मीठे कार्बोनेटेड ड्रिंक्स (जैसे सोडा) पीने से यह 25% तक बढ़ सकता है।

100% फ्रूट जूस भी क्यों है जोखिम भरा? 

भले ही आप पैक्ड जूस के बजाय 100% नैचुरल फ्रूट जूस पी रहे हों, फिर भी खतरा बना रहता है। इनमें फाइबर नहीं होता, जो संपूर्ण फल में पाया जाता है। साथ ही, प्राकृतिक शर्करा (natural sugar) की मात्रा बहुत अधिक होती है जो सीधे ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा सकती है।

शुगर का सीधा कनेक्शन डायबिटीज और वजन से

मीठे पेयों के जरिए ली गई तरल शर्करा (liquid sugar) शरीर में तेजी से अवशोषित होती है। इससे इंसुलिन सेंसिटिविटी कम होती है। शरीर में वजन बढ़ता है, जो अपने आप में डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर और हार्ट डिजीज जैसी कई बीमारियों को न्योता देता है। पैक्ड जूस में तो शुगर के साथ-साथ प्रिजरवेटिव्स भी होते हैं जो सेहत के लिए और खतरनाक हो सकते हैं।

क्या है बेहतर ऑप्शन?

रिसर्चर का सजेशन है कि सेहत के लिए पूरे फल खाना जूस पीने से कई गुना बेहतर है। फलों और सब्ज़ियों में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया को सही रखता है और शरीर को लंबे समय तक भरा हुआ महसूस कराता है। फाइबर से युक्त भोजन न सिर्फ डायबिटीज के खतरे को कम करता है, बल्कि वजन नियंत्रण में भी मदद करता है। अगर आप डायबिटीज से बचना चाहते हैं या वजन कंट्रोल में रखना चाहते हैं, तो मीठे जूस की जगह पूरे फल और पानी को प्राथमिकता दें। जूस को कभी-कभार लिया जाए तो ठीक, लेकिन रोजाना की आदत में मिठास को सीमित करना ही आपकी असली सेहत का रास्ता है।