सार

बच्चों को मीट खिलाने से उनके शरीर को कई लाभ पहुंचते हैं लेकिन 7 से 8 महीने के बच्चे को ही मीट का सेवन कराना चाहिए। 

हेल्थ डेस्क: बच्चों की सेहत को लेकर माता-पिता हमेशा चिंतित रहते हैं। और वे उनके स्वास्थ्य के लिए सही फैसला भी लेना चाहते हैं। ऐसे में बच्चे को छह महीने के बाद मां के दूध के अलावा कुछ और खाने की चीजें भी देना शुरू कर देते हैं। इस दौरान बच्चे का खाना सबसे पहले फल और सब्जियां ही होता है। लेकिन कई माताओं के मन में एक सवाल होता है कि बच्चे को मीट कब देना चाहिए? इसे कैसे शुरू करना चाहिए? लेकिन बस कुछ तरीकों को अपनाने से ही बच्चे को मीट खाने से कोई परेशानी नहीं होगी। अब यहां जानते हैं कि बच्चे को किस उम्र से मीट देना शुरू कर सकते हैं।

बच्चे को किस उम्र में खिलाएं मीट?

6 से 8 महीने के बच्चे को मीट देना शुरू कर सकते हैं। मीट में भरपूर प्रोटीन होता है, जो बच्चे के विकास के लिए बहुत अच्छा होता है। अगर आप बच्चे को मीट देना चाहती हैं तो सबसे पहले अंडे से शुरुआत करें। एक साल के बाद ही बच्चे को चिकन देना चाहिए।

बच्चे को अंडा देने के दो महीने बाद मछली देना शुरू कर सकते हैं, वो भी थोड़ा-थोड़ा। एक साल के बाद बच्चे को चिकन सबसे पहले सूप के रूप में देना ही अच्छा है। क्योंकि कई बार आप सही तरीके से न देने पर बच्चे को दस्त, पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर दो साल के बाद ही बच्चे को मटन देना चाहिए। क्योंकि मटन को पचने में ज्यादा समय लगता है।

बच्चों को मीट खिलाने के फायदे 

6 से 12 महीने के बच्चों के लिए आयरन और जिंक बहुत जरूरी है। ये मां के दूध में पर्याप्त मात्रा में नहीं पाए जाते हैं, इसलिए बढ़ते बच्चों को आयरन से भरपूर अन्य खाद्य पदार्थ देने चाहिए। ऐसे में मीट में आयरन और जिंक भरपूर मात्रा में होता है। इसके अलावा इसमें मैग्नीशियम भी भरपूर मात्रा में होता है। कहने का मतलब है कि फलों और अनाज की तुलना में मीट में ज्यादा पोषक तत्व होते हैं। यानी बच्चे को थोड़ा सा मीट देने से भी उसे पर्याप्त मात्रा में पोषक तत्व मिल जाते हैं। साथ ही, बच्चे को मीट देने से उसका पेट लंबे समय तक भरा रहता है।

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  • मीट न केवल आयरन का अच्छा स्रोत है, बल्कि यह अन्य खाद्य पदार्थों से आयरन को अवशोषित करने में भी मदद करता है। इस तरह अगर बच्चों को थोड़ी सी सब्जी के साथ मीट दिया जाए तो भी आयरन की मात्रा बढ़ जाती है। इससे बच्चे को एनीमिया की समस्या नहीं होगी। 
  • चिकन, अंडे, मछली आदि में प्रोटीन भरपूर मात्रा में होता है। यह बच्चे के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा होता है। साथ ही इनमें मौजूद विटामिन डी शरीर की तंत्रिका कोशिकाओं को स्वस्थ रखने में मदद करता है। 

Note : बच्चे को सबसे पहले मीट सूप के रूप में ही देना चाहिए। बच्चे को कभी भी उबला हुआ मीट नहीं देना चाहिए। साथ ही बच्चों को बिना हड्डी वाला मीट ही देना चाहिए। बच्चों को दिया जाने वाला मीट हमेशा ताजा होना चाहिए। नहीं तो बच्चे को पेट संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। खासतौर पर मीट पकाने से पहले उसे अच्छी तरह धो लें।

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