Dementia Symptoms: डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण अक्सर दिमाग से नहीं बल्कि पैरों से शुरू होते हैं। अगर चलने की गति धीमी हो जाए या पैरों में कमजोरी महसूस हो, तो यह भूलने की बीमारी का संकेत हो सकता है।
मनोभ्रम की स्थिति या फिर भूलने की बीमारी को डिमेंशिया के नाम से जाना जाता है। अक्सर अधिक उम्र के लोगों को इस बीमारी से जूझना पड़ता है। आपको जानकर हैरानी होगी कि डिमेंशिया के शुरुआती लक्षण दिमाग से नहीं बल्कि पैरों से दिखने शुरू होते हैं। दुनियाभर में डिमेंशिया से 5.5 करोड़ लोग पीड़ित हैं। हर साल डिमेंशिया के लगभग 1 करोड़ नए मामले आते हैं। डिमेंशिया के शुरुआती लक्षणों को पहचान पाना मुश्किल होता है इसलिए बीमारी देरी से डायग्नोज होती है।
बेंगलुरु के प्रसिद्ध न्यूरोसर्जन और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के पूर्व छात्र अरुण एल नाइक इस बारे में टीओआई को बताते हैं कि डिमेशिंया के शुरुआती लक्षणों की पहचानन जरूरी है। चलते समय अगर थोड़ा सा भी बदलाव आए, तो ये डिमेंशिया से जुड़ा हो सकता है।
क्या है दिमाग और पैरों का संबंध?
जब दिमाग की संरचना और ब्लड सर्कुलेशन में गड़बड़ी होती है, तो पैरों की मांशपेशियां कमजोर होने लगती हैं और चलने की गति धीमी हो जाती है। दिमाग के कई हिस्सों के एक्टिव होने पर ही व्यक्ति सही से चल पाता है। उम्र बढ़ने के साथ मसल्स मास कम होने लगता है और इस कंडीशन को सार्कोपेनिया के नाम से जानते हैं।
और पढ़ें: Eye Yoga Exercises: आंखों की रोशनी लौटा देंगे 4 योगासन, महीनेभर में नजर होगी मजबूत
पैरों की कमजोरी के क्या दिखते हैं लक्षण?
पैरों में चलने की गति अगर प्रभावित हो रही है, तो उस पर ध्यान देने की बहुत ज्यादा जरूरत है। जानिए पैरों की कमजोरी के क्या संकेत मिलते हैं।
- चलने की गति में अचानक से कमी हो जाती है या गति धीमी पड़ जाती है।
- पैरों की मांसपेशियां कमजोर पड़ती हैं, जिससे सीढियां चढ़ने, कुर्सी में खड़े होने या चलने में व्यक्ति परेशानी महसूस करने लगता है। असमान कदम पड़ना या फिर पैर घसीट के चलना भी पैरों की कमजोरी का एक निशान है।
- बोलने या गिनते समय चलने में कठिनाई महसूस करना भी देखने को मिलता है।
अगर आपके साथ भी ऐसा होता है, तो आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए और अपने लक्षणों के बारे में बात करनी चाहिए।
और पढ़ें: अब अंधेपन से जूझ रहे मरीज भी पढ़ सकेंगे किताबें! जानिए कैसे हुआ ये मेडिकल चमत्कार
