सार
कहते हैं, 'न खाएंगे तो बीमार पड़ेंगे, और खाएंगे तो मोटे हो जाएंगे।' कुछ ऐसा ही हाल माउथवॉश का भी है। मुँह की सफ़ाई के लिए ज़रूरी माना जाने वाला माउथवॉश नुकसानदेह है या नहीं, इस पर हुई एक रिसर्च में कई चौंकाने वाली बातें सामने आई हैं।
हेल्थ डेस्क: हम में से कई लोगों को माउथवॉश इस्तेमाल करने की आदत होती है। ब्रश करने के साथ-साथ हम मुँह की सफ़ाई के लिए माउथवॉश का भी इस्तेमाल करते हैं। मार्केट में कई कंपनियों के माउथवॉश उपलब्ध हैं। ये माउथवॉश मुँह को पूरी तरह साफ़ करने और बैक्टीरिया को ख़त्म करने का दावा करते हैं। इससे मुँह का स्वास्थ्य बेहतर होता है। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि माउथवॉश के इस्तेमाल से कई नुक़सान भी हो सकते हैं। हाल ही में हुई एक रिसर्च में ये बातें सामने आई हैं।
माउथवॉश से कैंसर का खतरा
एक जाने-माने ब्रिटिश सर्जन ने हाल ही में अपने पॉडकास्ट में इस बारे में कई सुझाव दिए हैं। उनका मानना है कि माउथवॉश के इस्तेमाल से कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है। हालाँकि, इस बात के पक्के सबूत नहीं मिले हैं कि माउथवॉश से कैंसर होता ही है, लेकिन कुछ रिसर्च में ये ज़रूर सामने आया है कि इससे कैंसर का ख़तरा बढ़ सकता है। आमतौर पर माउथवॉश में अल्कोहल होता है। इसी वजह से माना जाता है कि इससे कैंसर का खतरा बढ़ सकता है। लंबे समय तक माउथवॉश का इस्तेमाल करने वालों में मुह के कैंसर का खतरा ज्यादा होता है। एक स्टडी में पाया गया है कि रोजाना तीन या उससे ज़्यादा बार या 40 साल से ज़्यादा समय तक माउथवॉश का इस्तेमाल करने से मुँह का कैंसर हो सकता है।
माउथवॉश से गले और पेट का कैंसर
माउथवॉश मुँह के बैक्टीरिया को कम करने में मददगार होता है, ये तो हम सभी जानते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि माउथवॉश के इस्तेमाल से मुँह में बैक्टीरिया कम होने के बजाय बढ़ भी सकते हैं। मुँह में बढ़ने वाले ये बैक्टीरिया मसूड़ों की बीमारी, गले का कैंसर और पेट के कैंसर का कारण बन सकते हैं। डॉक्टर्स का कहना है कि मसूड़ों की बीमारी का असर शरीर के दूसरे हिस्सों पर भी पड़ सकता है। कई स्टडीज़ में ये बात सामने आई है कि माउथवॉश के इस्तेमाल से गले और पेट के कैंसर का ख़तरा काफ़ी बढ़ जाता है।
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मुंह में इंफेक्शन का खतरा
एक्सपर्ट्स का कहना है कि ज़्यादा माउथवॉश इस्तेमाल करने वालों को मसूड़ों की बीमारी हो सकती है, जिससे इंफेक्शन का ख़तरा बढ़ जाता है। लंबे समय तक मसूड़ों की सूजन मुँह के कैंसर का कारण बन सकती है। मसूड़ों की समस्याओं से पैदा होने वाले बैक्टीरिया शरीर के दूसरे हिस्सों में भी फैल सकते हैं। माउथवॉश में मौजूद फ्यूसोबैक्टीरियम, न्यूक्लिएटम और स्ट्रेप्टोकोकस जैसे बैक्टीरिया मुँह में बैक्टीरिया की संख्या बढ़ा सकते हैं। एक्सपर्ट्स का मानना है कि इससे मुँह में ट्यूमर हो सकता है।
माउथवॉश की बजाय अपनाएं घरेलू नुस्खों
एक्सपर्ट्स का सुझाव है कि बाज़ार में मिलने वाले केमिकल वाले माउथवॉश की बजाय घरेलू नुस्खों से बने माउथवॉश का इस्तेमाल करें। मुँह के स्वास्थ्य के लिए एलोवेरा सबसे अच्छा विकल्प है। एलोवेरा मसूड़ों से खून आने से रोकता है। एलोवेरा के रस में पानी मिलाकर कुल्ला करने से मुँह साफ़ होता है। नारियल का तेल भी एक नेचुरल माउथवॉश है। इसमें कई औषधीय गुण होते हैं। ये दांतों को मज़बूत बनाने में मदद करता है। इसमें मौजूद लॉरिक एसिड एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-माइक्रोबियल का काम करता है। ये मुँह के फंगल इंफेक्शन को दूर करता है और साँसों की बदबू से भी छुटकारा दिलाता है। नमक और गुनगुने पानी से कुल्ला करने से भी मुँह के बैक्टीरिया ख़त्म होते हैं और मसूड़ों की सूजन और खून आने की समस्या से राहत मिलती है।
ध्यान दें: ऊपर दी गई जानकारी सिर्फ़ सामान्य जानकारी के लिए है। स्वास्थ्य संबंधी किसी भी समस्या के लिए डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें।
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