Mango daily eating effect: क्या डायबिटीज में आम खाना सुरक्षित है? जानिए रिसर्च क्या कहती है, कैसे आम इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाता है और वजन नहीं बढ़ाता।
Mango Benefits for diabetes patient: लोकप्रिय फलों की बात की जाए तो आम सबसे पहले आता है। गर्मियों के सीजन में हर घर में आम के विभिन्न वैरायटी खरीदी जाती हैं और खाई जाती हैं। लोगों के मन में यह डर बना रहता है कि मीठा आम खाने से कहीं डायबिटीज ना हो जाए या वेट गेन न हो जाए। आपको जानकर हैरानी होगी कि आम का सेवन करने से डायबिटीज पेशेंट को नुकसान नहीं होता। साथ ही वजन घटने का खतरा भी नहीं रहता। आइए जानते हैं आम को लेकर स्टडी में क्या सामने आया?
आम से इंसुलिन सेंसिटीविटी में होता है सुधार
आम में मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट, पॉलीफेनोल और मैंगिफेरिन नामक कंपाउंड ब्लड शुगर को कम करता है। ट्रॉपिकल फ्रूट मैंगो को रोजाना खाने से इंसुलिन सेंसिटिविटी इंप्रूव होती है और शुगर लेवल पर भी कोई फर्क नहीं पड़ता। साथ ही व्यक्ति का वजन भी नहीं बढ़ता। जर्नल न्यूट्रिएंट्स में पब्लिश रिसर्च के मुताबिक रोजाना आम खाने से ओवरऑल हेल्थ पर अच्छा असर पड़ता है। जिन लोगों को टाइप 2 डायबिटीज का रिस्क है या फिर ओवरवेट हैं वह भी रोजाना सीमित मात्रा में आम का सेवन कर सकते हैं। स्टडी की को-ऑर्थर डॉक्टर Indika Edirisinghe बताती हैं की डायबिटीज और ओवरवेट वाले व्यक्ति बिना किसी फिक्र के रोजाना आम खा सकते हैं।
आम खाने से नहीं बढ़ता है वजन
National Mango Board की ओर से 20 से 60 वर्ष की आयु के लगभग 50 ओवरवेट और मोटापे से ग्रसित लोगों पर स्टडी की गई। सभी लोगों के शरीर में हल्की सूजन की समस्या थी। सभी लोगों को दो ग्रुप में बांटा गया। वैज्ञानिकों ने पहले ग्रुप को एक महीने तक रोजाना दो कप आम खिलाए। वही दूसरे ग्रुप को आम के स्वाद वाली इटेलियन आईस खिलाई गई। इसके बाद दोनों ही लोगों में ग्लूकोस टोलरेंस टेस्ट भी किए गए।
जैसे ही ट्रायल समाप्त हुई रिसर्च में नोट किया गया कि ऐसे लोगों के मेटाबॉलिज्म में काफी सुधार हुआ है जिन्होंने फ्रेश मैंगो का सेवन किया था। साथ ही इन्सुलिन रेजिस्टेंस में सुधार हुआ है। आम खाने वाले लोगों में ग्लूकोस कंसंट्रेशन भी बेहतर हुआ है। जिन लोगों ने इटेलियन आइस खाई थी, उनका वजन बढ़ गया जबकि मैंगो खाने वाले ग्रुप की इन्सुलिन सेंसटिविटी में सुधार हुआ।