Jamun for diabetes control: गर्मियों में मिलने वाला जामुन, क्या वाकई ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मददगार है? आइए जानते हैं इस आम धारणा की सच्चाई।
Benefits of Jamun for diabetics: जामुन, अपने पारंपरिक उपयोग और नए रिसर्च के आधार पर, डायबिटीज के मरीजों के लिए ब्लड शुगर कंट्रोल करने में एक अच्छा हो सकता है। इसमें मौजूद कई बायोएक्टिव कंपाउंड ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ-साथ इंसुलिन सेंसिटिविटी को बेहतर बनाते हैं और कार्बोहाइड्रेट को तोड़ने वाले एंजाइम को भी नियंत्रित करते हैं।
जामुन की खासियत क्या है? (How Jamun lowers blood sugar)
डॉक्टरों और शोधकर्ताओं के अनुसार, जामुन में जैम्बोलिन, एलाजिक एसिड और एंथोसायनिन जैसे बायोएक्टिव कंपाउंड पाए जाते हैं। ये कंपाउंड ब्लड शुगर कम करने में प्रभावी साबित हुए हैं।
ये इंसुलिन के काम को बेहतर बनाकर इंसुलिन सेंसिटिविटी बढ़ाते हैं। खाने से शरीर में शुगर सोखने की मात्रा को कम कर सकते हैं। स्टार्च को शुगर में बदलने वाले एंजाइम को कंट्रोल करने में मदद करते हैं।
वैज्ञानिक शोध क्या कहते हैं? (How Jamun lowers blood sugar)
कई छोटे शोध बताते हैं कि जामुन के बीज, खासतौर पर, खाने से पहले और खाने के बाद के ब्लड शुगर लेवल को कम करने में काफी असरदार हैं। जामुन का कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स इसे डायबिटीज के मरीजों के लिए एक अच्छा फल बनाता है। इसका मतलब है कि इसे खाने के बाद ब्लड शुगर में ज्यादा उतार-चढ़ाव नहीं होता।
जामुन कैसे खाएं? (How to eat Jamun)
जामुन के सीजन में इसे ताजा खाया जा सकता है। ध्यान रहे कि इसे सीमित मात्रा में ही खाएं। जामुन के बीजों को सुखाकर, पीसकर पाउडर बनाया जा सकता है। इस पाउडर को पानी में मिलाकर पिया जा सकता है या खाने में शामिल किया जा सकता है। जामुन की पत्तियों में भी फायदेमंद तत्व होते हैं। सूखी पत्तियों को पीसकर या फिर चाय बनाकर सेवन किया जा सकता है।
सावधानियां
डायबिटीज के मरीजों को जामुन या उसके बीजों का पाउडर अपनी डाइट में शामिल करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि, यह उनकी पहले से ली जा रही दवाओं के साथ रिएक्ट कर सकता है या फिर हर व्यक्ति के शरीर पर इसका अलग-अलग असर हो सकता है। साथ ही, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं को जामुन खाने से बचना चाहिए। सर्जरी से पहले और बाद में कुछ हफ़्तों तक जामुन खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह ब्लड शुगर को कम कर सकता है और घाव भरने में दिक्कत पैदा कर सकता है।