सार

Sleep chart by age group: नवजात से लेकर बुज़ुर्गों तक, हर उम्र के लिए अच्छी नींद ज़रूरी है। जानें कितने घंटे सोना चाहिए और क्यों ये सेहत के लिए महत्वपूर्ण है।

Sleep requirement by age: उम्र के हिसाब से सही नींद हमारे जीने और स्वस्थ रहने के लिए बेहद ज़रूरी है। जैसे हम खाना खाते हैं और पानी पीते हैं, वैसे ही नींद भी हमारे शरीर और दिमाग को स्वस्थ रखने के लिए ज़रूरी है। हर उम्र के लोगों को कितनी नींद चाहिए, ये जानना स्वस्थ जीवनशैली का एक अहम हिस्सा है।

नवजात शिशु (0-3 महीने)

नवजात बच्चों का सोने का तरीका बड़ों जैसा नहीं होता। वो दिन में 7-8 बार छोटी-छोटी नींद लेते हैं। उनकी नींद अक्सर खाने के समय से जुड़ी होती है। इस उम्र में, दिमाग तेज़ी से बढ़ता है, इसलिए ज़्यादा नींद ज़रूरी है। इसलिए उन्हें दिन में लगभग 14 से 17 घंटे तक सोना चाहिए।

शिशु (4-11 महीने)

इस उम्र में बच्चों की नींद थोड़ी व्यवस्थित होने लगती है। रात में लंबे समय तक सोना और दिन में 2-3 बार छोटी नींद लेना आम बात है। उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए ये नींद बहुत ज़रूरी है। इस उम्र के बच्चों को दिन में लगभग 12 से 15 घंटे तक सोना चाहिए।

छोटे बच्चे (1-2 साल)

इस उम्र में दिन में सोने का समय कम हो जाता है। उनके खेलने-कूदने और सीखने के लिए पर्याप्त नींद ज़रूरी है। नींद भाषा विकास और सामाजिक कौशल को बढ़ाने में मदद करती है। इस उम्र के बच्चों को दिन में लगभग 11 से 14 घंटे तक सोना चाहिए।

प्री-स्कूल (3-5 साल)

ज़्यादातर बच्चे इस उम्र में दिन में सोना बंद कर देते हैं। उनकी कल्पना शक्ति और सामाजिक कौशल के लिए अच्छी नींद ज़रूरी है। पर्याप्त नींद उनके ध्यान और व्यवहार को बेहतर बनाती है। इसलिए इस उम्र के बच्चों को दिन में लगभग 10 से 13 घंटे की नींद चाहिए।

स्कूल जाने वाले बच्चे (6-13 साल)

इस उम्र में उनकी पढ़ाई, याददाश्त और शारीरिक विकास के लिए नींद बहुत ज़रूरी है। नींद पूरी न होने से ध्यान भंग हो सकता है और सीखने में दिक्कत आ सकती है। इसलिए दिन में लगभग 9 से 11 घंटे की नींद बहुत ज़रूरी है। ये उनकी पढ़ाई, ध्यान और शारीरिक विकास में मदद करेगा।

किशोर (14-17 साल)

हार्मोन में बदलाव के कारण इस उम्र में नींद का तरीका बदल सकता है। वो देर से सोना और सुबह देर से उठना पसंद कर सकते हैं। लेकिन, स्कूल और दूसरे कामों के लिए पर्याप्त नींद लेना उनके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। नींद पूरी न होने से तनाव, चिंता और चिड़चिड़ापन हो सकता है। इस उम्र के लोगों को दिन में लगभग 8 से 10 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

युवा (18-25 साल)

काम, पढ़ाई और सामाजिक जीवन के कारण इस उम्र में नींद कम हो सकती है। लेकिन, नियमित नींद दिमाग के काम, मूड और रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए बहुत ज़रूरी है। इस उम्र के लोगों को दिन में लगभग 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

वयस्क (26-64 साल)

हर किसी के स्वास्थ्य, जीवनशैली और ज़रूरतों के हिसाब से नींद की मात्रा थोड़ी अलग हो सकती है। कुछ लोगों को 6 घंटे की नींद काफी हो सकती है, तो कुछ लोगों को 9 घंटे तक की ज़रूरत हो सकती है। लंबी बीमारी या तनाव के कारण नींद न आने की समस्या हो सकती है। आमतौर पर वयस्कों को दिन में लगभग 7 से 9 घंटे की नींद लेनी चाहिए।

बुज़ुर्ग (65 साल और उससे ज़्यादा)

बुज़ुर्गों को नींद की ज़रूरत कम नहीं होती, लेकिन उनकी नींद की गुणवत्ता कम हो सकती है। वो रात में बार-बार जाग सकते हैं और दिन में कभी-कभी छोटी नींद ले सकते हैं। पर्याप्त नींद उनके दिमाग के काम को बनाए रखने और मूड को बेहतर बनाने में मदद करती है। बुज़ुर्गों के लिए दिन में लगभग 7 से 8 घंटे की नींद काफी होती है।

पर्याप्त नींद का महत्व (Importance of sleep for health)

  • जब हम सोते हैं, तो हमारा शरीर खराब कोशिकाओं की मरम्मत करता है और नई कोशिकाएं बनाता है।
  • बच्चों और किशोरों के लिए नींद बहुत ज़रूरी है। अक्सर, विकास हार्मोन गहरी नींद के दौरान निकलते हैं।
  • दिन में हम जो जानकारी और अनुभव सीखते हैं, वो नींद के दौरान दिमाग में स्टोर हो जाते हैं और लंबी यादों में बदल जाते हैं।
  • अच्छी नींद लेने के बाद, हम साफ़ और तेज़ी से सोच सकते हैं। हमारा ध्यान और एकाग्रता बढ़ जाती है।
  • रिसर्च से पता चलता है कि जो लोग पर्याप्त नींद लेते हैं, उनके लंबा और स्वस्थ जीवन जीने की संभावना ज़्यादा होती है।