सार
Bathing Methods : रोजमर्रा की ज़िंदगी में नहाना बेहद ज़रूरी है। ये न सिर्फ़ शरीर की गर्मी को कम करता है, बल्कि ताज़गी भी देता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि सही तरीके से नहाने से कई बीमारियों से भी छुटकारा मिल सकता है?
हेल्थ डेस्क : हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी में नहाना एक अहम हिस्सा है। नहाने का मतलब है शरीर को ठंडा करना और शरीर की गर्मी को कम करना। रोज़ सुबह नहाना एक ताज़गी भरा अनुभव होता है। लेकिन आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में नहाना सिर्फ़ शरीर की गंदगी दूर करने तक सीमित रह गया है। गाँव और शहर के नहाने के तरीकों में काफ़ी फ़र्क़ है। गाँवों में लोग नदियों, तालाबों और कुओं में नहाते हैं, जबकि शहरों में ज़्यादातर लोग बाथरूम में ही नहाते हैं।
तालाबों और कुओं में नहाने से शरीर की गर्मी दूर होती है। बाथरूम में नहाते समय ज़्यादातर लोग सबसे पहले सिर पर पानी डालते हैं। इससे शरीर की गर्मी बाहर निकलने की बजाय शरीर में ही रह जाती है, जिससे कई समस्याएं पैदा हो सकती हैं। नहाते समय सबसे पहले सिर पर पानी नहीं डालना चाहिए। सीधे सिर पर पानी डालने से गर्मी नीचे की ओर जाती है और बाहर निकलने की बजाय शरीर में ही घूमती रहती है। पानी सबसे पहले पैरों पर, फिर घुटनों, कमर, छाती और आखिर में सिर पर डालना चाहिए। पैरों से पानी डालने पर ही गर्मी नीचे से ऊपर उठकर आँखों और कानों के रास्ते बाहर निकलती है।
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हमारे पूर्वज तालाबों में नहाते समय एक काम ज़रूर करते थे। ज़्यादातर लोगों ने उन्हें ऐसा करते देखा होगा। तालाब में उतरते समय वे थोड़ा पानी सिर पर छिड़कते थे। ऐसा इसलिए किया जाता था ताकि सिर ज़्यादा गर्म न हो। सिर हमेशा ठंडा रहना चाहिए।
हफ़्ते में कम से कम एक बार पूरे शरीर पर तेल लगाकर नहाना चाहिए। ख़ासतौर पर नारियल तेल लगाकर नहाने से शरीर की गर्मी कम होती है। कुछ लोगों को शरीर में गर्मी की वजह से आँखों में जलन और मुँह में छाले हो जाते हैं। नहाना सिर्फ़ रोज़मर्रा का काम नहीं है, बल्कि सही तरीके से नहाने से कई बीमारियों से छुटकारा मिल सकता है। शरीर में गर्मी बढ़ने से आजकल कई तरह की बीमारियाँ हो रही हैं। इसका समाधान नहाने का सही तरीका अपनाकर किया जा सकता है। लेकिन हममें से ज़्यादातर लोग पश्चिमी सभ्यता के तरीके अपनाते हुए बाथरूम में जाते ही शॉवर खोलकर सीधे सिर पर पानी डालते हैं। अब हमें अपने नहाने के तरीके को बदलकर स्वस्थ जीवन जीना चाहिए।