सार

Disease symptoms on face: चेहरे पर दिखने वाले बदलाव कई गंभीर बीमारियों का संकेत हो सकते हैं। त्वचा का रंग, अनचाहे बाल, मुंह के छाले, ये सब कुछ बताते हैं। जानें, कैसे पहचानें इन लक्षणों को?

Health problems visible on skin: मेडिकल साइंस के अनुसार, कई जटिल और लंबी चलने वाली बीमारियों के शुरुआती लक्षण अक्सर चेहरे पर ही दिखाई देते हैं। चेहरे की त्वचा, जीभ, होंठ और मुंह के अंदर होने वाले बदलावों के ज़रिए शरीर संकेत देने लगता है। हम भले ही अनदेखा कर दें, लेकिन डॉक्टर इन लक्षणों को समझ सकते हैं। त्वचा का रंग बदलना, ज़्यादा बाल आना, चेहरे पर लंबे समय तक रहने वाले दाने, ये सब गंभीर बीमारी का संकेत हो सकते हैं। ज़रूरत है बस थोड़ी सी जागरूकता की। आइए जानें, किस तरह की गंभीर बीमारियों के लक्षण कैसे पहचानें?

1. यौन रोग : कई तरह के यौन रोग हैं जिनके लक्षण आपके चेहरे पर दिखाई देते हैं। जैसे होंठों के ऊपर, गालों पर अनचाहे बालों का आना, जिसे कई लोग सामान्य समझ सकते हैं। लेकिन इसका मुख्य कारण हार्मोन्स का असंतुलन है। हार्मोन्स का संतुलन बिगड़ने पर चेहरे पर मुंहासे, ज़्यादा बाल आने जैसी समस्याएं होती हैं। जैसे पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम या PCOD, एड्रिनलिन हार्मोन और थायराइड की वजह से भी कई बार ये लक्षण दिखाई देते हैं।

हर्पीज़ की वजह से मुंह में लंबे समय तक घाव, HIV से ओरल थ्रश या सफेद दाग, मुंह में छाले - इस तरह के लक्षण दिखाई दे सकते हैं। कई लोग इन लक्षणों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं, जबकि ये किसी बड़ी बीमारी का कारण बन सकते हैं।

2. कैंसर : भारत में तंबाकू, गुटखा जैसी चीज़ों का सेवन बढ़ने से मुंह का कैंसर अब आम हो गया है। इस बीमारी के लक्षण के तौर पर मुंह में छाले या दाने जैसे दिखाई देते हैं। शुरुआत में दर्द न भी हो, तो भी इसे नज़रअंदाज़ नहीं करना चाहिए। कई बार दांतों के डॉक्टर मुंह की जांच के दौरान इस बीमारी के लक्षण पहचान लेते हैं।

3. पेट की समस्या : गैस्ट्रोइसोफेगल रिफ्लक्स या GERD, असल में शरीर में पोषण की कमी से होने वाली समस्या है, जिसके लक्षण भी सबसे पहले चेहरे पर दिखाई देते हैं। होंठों का फटना, बार-बार मुंह में छाले होना, एसिड की वजह से दांतों का इनेमल खराब होना - इस तरह के गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण पेट से पहले चेहरे पर दिखाई देते हैं। इन्हें नज़रअंदाज़ न करें और तुरंत डॉक्टर से सलाह लें।

4. ऑटोइम्यूनिटी : ऑटोइम्यून बीमारियां शरीर में चुपचाप बढ़ती रहती हैं। आमतौर पर शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है। शरीर के बाहर कोई गंभीर लक्षण दिखाई नहीं देते। लुपस, पेम्फिगस, वल्गारिस और लाइकेन प्लेनस जैसी ऑटोइम्यून बीमारियों के लक्षण मुंह, मसूड़ों और गालों के अंदर दिखाई देते हैं।