सार

एक नए अध्ययन में दावा किया गया है कि Leukocyte Count के जरिए यह पता लगाया जा सकता है कि COVID-19 (Coronavirus) के लक्षण कितने गंभीर होंगे। खासकर, Postmenopausal महिलाओं में इसका असर ज्यादा देखा गया है।

 

Covid 19 new research: दुनिया में तबाही मचा चुकी कोरोना महामारी को लेकर आए दिन रिसर्च हो रहे हैं। हालिया कोविड-19 की गंभीरता का पता लगाने के लिए किए जा रहे एक रिसर्च में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आए हैं। गुड न्यूज यह कि इस रिसर्च की वजह से अब हाईरिस्क ग्रुप वालों को कोरोना की गंभीरता से अलर्ट किया जा सकता है ताकि सही ढंग से मेडिकल असिस्टेंस मिल सके। दरअसल, White Blood Cell Count से पता लगाया जा सकता है कि COVID-19 की गंभीरता क्या है। नई स्टडी में दावा किया गया है कि ल्यूकोसाइट काउंट (Leukocyte Count), जिसे वाइट ब्लड सेल काउंट (White Blood Cell Count) भी कहा जाता है, से यह पता लगाया जा सकता है कि मरीज को COVID के कितने गंभीर लक्षण हो सकते हैं।

Postmenopausal महिलाओं में अधिक असर

महिलाओं में खासकर मेनोपॉज (Menopause) के बाद कोविड का लंबे समय तक प्रभाव (Long Covid) ज्यादा देखने को मिलते हैं। स्टडी के अनुसार, महिलाओं में पोस्ट-एक्यूट सीक्वेल (Post-Acute Sequelae) की वजह से मानसिक कमजोरी (Cognitive Impairment) की समस्या अधिक होती है।

महिला स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. मोनिका क्रिसमस (Dr. Monica Christmas) ने बताया: इस अध्ययन के निष्कर्ष महत्वपूर्ण हैं क्योंकि कोविड-19 संक्रमण के दीर्घकालिक प्रभाव (Long Covid Effects) जीवन की गुणवत्ता पर गंभीर असर डालते हैं। खासकर, मेनोपॉज के बाद महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। अगर हम शुरुआती संकेतों को समझ सकें, तो इन लक्षणों को नियंत्रित करना आसान हो सकता है।

कोविड प्रभाव और जोखिम

COVID-19 (Coronavirus) से संक्रमित होने के महीनों बाद भी लाखों लोग इसके प्रभाव झेल रहे हैं। सबसे ज्यादा देखे जाने वाले लक्षणों में थकान (Fatigue) और मानसिक कमजोरी (Cognitive Impairment) शामिल हैं। अध्ययन के मुताबिक, मानसिक कमजोरी से 70% मरीज प्रभावित होते हैं और इसमें बुजुर्गों को सबसे ज्यादा जोखिम होता है।

वैज्ञानिकों के अनुसार, कोविड मुख्य रूप से एक श्वसन संक्रमण (Respiratory Disease) है, लेकिन यह शरीर के कई अंगों को प्रभावित करता है। पहले के शोधों में यह सामने आया था कि कोविड संक्रमण के दौरान अत्यधिक इम्यून रेस्पॉन्स (Excessive Immune Response) देखने को मिलता है, जो कई अन्य स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकता है।

Leukocyte Count से जुड़े नए निष्कर्ष

Women's Health Initiative डेटा के माध्यम से किए गए न्यू स्टडी ने यह समझने की कोशिश की कि किन पूर्व-मौजूदा कारकों (Pre-existing Factors) के कारण कुछ लोगों को COVID-19 के अधिक गंभीर लक्षण होते हैं। विशेष रूप से, वैज्ञानिकों ने यह देखा कि क्या Leukocyte Count (WBC Count) किसी व्यक्ति के कोविड परिणामों से जुड़ा हुआ है।

स्टडी के मुख्य निष्कर्ष (main findings):

  • Leukocyte Count एक स्वतंत्र इंडिकेटर (Independent Predictor) है, जो यह अनुमान लगा सकता है कि पोस्टमेनोपॉज़ल महिलाओं (Postmenopausal Women) में कोविड कितना गंभीर हो सकता है।
  • यह दर्शाता है कि निम्न-स्तरीय सूजन (Low-Grade Inflammation) केवल कोविड-19 की एक प्रतिक्रिया नहीं है, बल्कि यह संक्रमण से पहले भी मौजूद हो सकती है।
  • Leukocyte Count एक सुलभ और कम लागत वाला क्लिनिकल इंडीकेटर (Easily Accessible & Inexpensive Clinical Marker) है, जिससे कोविड के गंभीर प्रभावों का पूर्वानुमान लगाया जा सकता है।
  • शुरूआती फाइंडिंग्स से संकेत मिलता है कि WBC Count के जरिए COVID-19 की गंभीरता को पहले ही पहचाना जा सकता है। यदि यह तरीका कारगर साबित होता है तो इसका उपयोग रिस्क असेसमेंट (Risk Assessment) और इलाज की रणनीति (Treatment Strategy) तय करने में किया जा सकता है।

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