सार
Breast Cancer in Women: आपके किचन में इस्तेमाल होने वाला कुकिंग ऑयल ब्रेस्ट कैंसर की वजह बन सकता है? जानिए क्या कहते हैं एक्सपर्ट्स।
Breast cancer causes: कैंसर का नाम सुनते ही मौत सामने खड़ी हो जाती है। कैंसर एक जानलेवा बीमारी है। हर साल दुनिया भर में लाखों लोग कैंसर से मर जाते हैं। देश में कैंसर के मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले सबसे ज्यादा देखे जा रहे हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, हर चार मिनट में एक भारतीय महिला को ब्रेस्ट कैंसर (Breast Cancer) होता है। शुरुआत में पता चलने पर बचने की संभावना ज्यादा होती है। लेकिन आखिरी स्टेज में पता चलने पर कई महिलाएं इलाज के बावजूद जान गंवा देती हैं। एक स्टडी में पता चला है कि ब्रेस्ट कैंसर का खतरा बढ़ाने में हमारे द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाला कुकिंग ऑयल भी एक वजह है।
कुकिंग ऑयल से ब्रेस्ट कैंसर ?
आम कुकिंग ऑयल में लिनोलिक एसिड होता है। यह ट्रिपल नेगेटिव स्तन कैंसर का खतरा बढ़ाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स के मुताबिक, यह ब्रेस्ट कैंसर का सबसे खतरनाक प्रकार है, जिसमें मरीजों के बचने की संभावना बहुत कम होती है। दरअसल, कैंसर सेल्स में लिनोलिक एसिड FABP5 नाम के एक खास प्रोटीन से जुड़ जाता है। जो कैंसर के बढ़ने का रास्ता आसान बनाता है। इससे कैंसर का ट्यूमर तेजी से बढ़ता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, लिनोलिक एसिड कई खाने-पीने की चीजों में पाया जाता है। हालांकि इससे डरने की जरूरत नहीं है। अगर आप लिनोलिक एसिड वाली चीजें खाते हैं तो इसका मतलब यह नहीं कि आपको कैंसर हो जाएगा। ब्रेस्ट कैंसर के लिए सिर्फ कुकिंग ऑयल ही जिम्मेदार नहीं है। कैंसर के कई कारण होते हैं। लोगों का खानपान, वातावरण और फैमिली हिस्ट्री भी मायने रखती है। ऐसे लोगों को कैंसर के प्रति ज्यादा सतर्क रहना चाहिए। कुकिंग ऑयल का इस्तेमाल सावधानी से करना चाहिए।
किन तेलों में होता है लिनोलिक एसिड?
लिनोलिक एसिड एक ओमेगा-6 फैटी एसिड है। यह सोयाबीन तेल, सनफ्लावर और कॉर्न ऑयल में पाया जाता है। इसके अलावा, कई दूसरे बीजों के तेल में भी अच्छी मात्रा में लिनोलिक एसिड होता है।
इन चीजों में ज्यादा होता है लिनोलिक एसिड
सिर्फ तेल ही नहीं, कुछ खाद्य पदार्थों में भी लिनोलिक एसिड होता है। यह बीफ, अंडे और दूसरे पशु उत्पादों में ज्यादा पाया जाता है। इसलिए इन्हें रोज़ाना नहीं खाना चाहिए। ये शरीर में सूजन बढ़ाते हैं। कैंसर सेल्स के विकास को बढ़ावा देते हैं।
आमतौर पर, सभी उम्र की महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर हो सकता है। लेकिन 50 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं में यह ज्यादा देखा जाता है। हेल्दी लाइफस्टाइल, संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और समय-समय पर जांच करवाना जरूरी है। 40 साल के बाद स्तन कैंसर की जांच करवानी चाहिए। आप मैमोग्राफी और अल्ट्रासाउंड से इसका पता लगा सकते हैं। 40 साल की महिलाओं को हर दो साल में मैमोग्राम करवाना चाहिए।