Running injuries:रनिंग के दौरान चोट लगने से बचना है तो डाइट में फाइबर और हेल्दी फैट्स को शामिल करें। जानिए स्टडी के अनुसार रनर्स की डाइट और इंजरी का क्या संबंध है।

Running injuries with Diet: जर्नल ऑफ साइंस एंड मेडिसिन के वैज्ञानिकों ने करीब 6000 रनर्स का डेटा शामिल किया। स्टडी में चोट और रनर्स की डाइट के बारे में महत्वपूर्ण अध्ययन किया गया। अध्ययन के अनुसार नियमित रूप से दौड़ने वाले करीब 80% प्रतिशत से ज्यादा लोगों को कम से कम एक बार चोट लग जाती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि खानपान पर ध्यान देकर पैर की चोट से बचा जा सकता है। खिंचाव और मोच का डाइट से सीधा संबंध है। यानी कि जो हम खाते हैं, उससे पैर की चोट को काफी हद तक काम किया जा सकता है। आईए जानते हैं कि आखिर डाइट के साथ पैर की चोट का क्या संबंध है। 

चोट और डाइट का संबंध

डॉक्टर कोलेबैच की मानें तो चोट से बचने के लिए न्यूट्रीशन अहम भूमिका निभाता है। स्टडी में बताया गया कि चोट लगने वाली महिला ने 450 कैलोरी कम और 20 ग्राम कम वसा लिया था। स्टडी में पाया गया कि चोट न लगने वाली महिलाओं की तुलना में चोटिल महिलाओं की डाइट में प्रतिदिन 3 ग्राम फाइबर कम फाइबर था। वहीं प्रोटीन, अल्कोहल, कार्बोहाइड्रेट और कैल्शियम के सेवन से चोट संबंधी कोई बदलाव दिखा।

रनर्स के लिए फाइबर और फैट जरूरी

अगर आप रनर है और इंजरी से बचना जाते हैं तो आपको खाने में हेल्दी फैट्स के साथ फाइबर जरूर शामिल करना चाहिए। 50-65 परसेंट कैलोरी में 20-35 परसेंट फैट से और 10-20 प्रोटीन से प्राप्त होता है। रनर्स या फिर एथलीट अपनी डाइट को न्यूट्रीशन या एक्सपर्ट की मदद से रीक्रिएट कर सकते हैं। हेल्दी डाइट न सिर्फ स्टेमिना बढ़ाने का काम करती है बल्कि चोट लगने की संभावना भी कम कर देती है। दौड़ने के दौरान चोट से बचने के लिए एक्सपर्ट से सही तरीके से दौड़ने के बारे में भी जानकारी लें। साथ ही खुद को हाइड्रेट जरूर रखें।