Signs of low vitamin D: शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता, दिमाग और कोशिकाओं के सही कामकाज के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। अगर आपके शरीर में इसकी कमी हो रही है, तो कुछ खास लक्षणों से आप इसे पहचान सकते हैं।
हमारी रोजमर्रा की जिंदगी में कई बार हम अपने शरीर की छोटी-छोटी जरूरतों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिनमें एक विटामिन डी की पूर्ति है। इसे आमतौर पर सूरज की रोशनी वाला विटामिन कहा जाता है, क्योंकि हमारी स्किन, सूर्य की किरणों के संपर्क में आकर इस पोषक तत्व को प्राकृतिक रूप से बना सकती है। लेकिन आज की शहरी जीवनशैली, घंटों एयर-कंडीशनर में रहना और धूप से दूरी के चलते लाखों लोग इसकी कमी से जूझ रहे हैं। विटामिन डी केवल हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए ही जरूरी नहीं है, बल्कि यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है, मूड को स्थिर रखता है, मांसपेशियों के दर्द से बचाता है और हार्ट हेल्थ में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। लेकिन विटामिन डी की कमी एक साइलेंट प्रॉब्लम की तरह होती है, ऐसे में जरूरी है कि हम इसके लक्षणों को समझें और समय रहते इसके समाधान की ओर कदम बढ़ाएं। आइए जानें कि विटामिन डी की कमी के 9 संकेत क्या हैं?
1. लगातार थकान और कमजोरी
अगर आप हमेशा थके हुए और कमजोर महसूस करते हैं, तो यह विटामिन डी की कमी का एक मुख्य लक्षण हो सकता है। विटामिन डी ऊर्जा के स्तर को प्रभावित करता है, जिससे लगातार थकान महसूस हो सकती है।
2. हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी
हड्डियों की सेहत के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है, क्योंकि यह कैल्शियम को सोखने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी होने पर, हड्डियां कमजोर हो सकती हैं और हड्डियों में दर्द और मांसपेशियों में कमजोरी हो सकती है। बच्चों में इससे रिकेट्स नामक बीमारी हो सकती है, जिसमें हड्डियां मुलायम और टेढ़ी हो जाती हैं। बड़ों में इससे ऑस्टियोमलेशिया नामक स्थिति हो सकती है, जिससे हड्डियों में दर्द और कमजोरी होती है।
3. बार-बार बीमार पड़ना
मजबूत रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने में विटामिन डी का अहम रोल होता है। अगर आपके शरीर में विटामिन डी का स्तर कम है, तो आपको बार-बार सर्दी, जुकाम और दूसरे संक्रमण हो सकते हैं।
4. मूड में बदलाव और डिप्रेशन
विटामिन डी की कमी और मूड से जुड़ी समस्याओं, खासकर अवसाद और चिंता के बीच संबंध है। दिमाग में विटामिन डी के रिसेप्टर्स होते हैं, और इसकी कमी से न्यूरोट्रांसमीटर की क्रिया प्रभावित हो सकती है, जिससे मूड में बदलाव हो सकते हैं।
5. घाव भरने में देरी
सर्जरी या चोट के बाद, अगर घाव भरने में देरी हो रही है, तो यह आपके शरीर में विटामिन डी की कमी का संकेत हो सकता है। विटामिन डी घाव भरने की प्रक्रिया में शामिल महत्वपूर्ण यौगिकों के उत्पादन में मदद करता है।
6. बालों का झड़ना
विटामिन डी की कमी से बाल ज्यादा झड़ सकते हैं। अध्ययनों से पता चलता है कि यह एलोपेसिया एरीटा जैसी गंभीर बालों की समस्याओं से भी जुड़ा है।
7. पीठ में लगातार दर्द
चूंकि विटामिन डी हड्डियों की सेहत में मदद करता है, इसलिए इसकी कमी से पीठ में लगातार दर्द हो सकता है। यह पीठ और गर्दन की मांसपेशियों में तनाव का भी एक कारण हो सकता है।
8. मसूड़ों की बीमारी और दांतों की समस्या
स्वस्थ मसूड़ों के लिए विटामिन डी जरूरी है, क्योंकि यह कैल्शियम को सोखने में मदद करता है। विटामिन डी की कमी पीरियोडोंटाइटिस के खतरे से जुड़ी है, जिससे मसूड़ों में सूजन और खून आ सकता है।
9. नींद न आना
विटामिन डी शरीर की सर्केडियन रिदम और नींद के पैटर्न को नियंत्रित करने में अहम रोल निभाता है। विटामिन डी की कमी से नींद न आना या नींद की गुणवत्ता कम हो सकती है।
विटामिन डी की कमी को कैसे दूर करें?
- विटामिन डी पाने का सबसे अच्छा तरीका सूरज की रोशनी है। रोजाना सुबह 10 बजे से दोपहर 3 बजे तक लगभग 10-15 मिनट धूप में रहना अच्छा होता है।
- सनस्क्रीन लगाने से विटामिन डी का उत्पादन कम हो जाता है, इसलिए जहाँ तक हो सके बिना सनस्क्रीन के धूप में रहें।
- विटामिन डी से भरपूर प्राकृतिक खाद्य पदार्थ जैसे सैल्मन, टूना जैसी मछलियाँ, बीफ लिवर, पनीर, मशरूम, अंडे की जर्दी, विटामिन डी युक्त दूध, संतरे का रस, अनाज आदि का सेवन कर सकते हैं।